अभी तुरंत खत्म हुए वित्तीय वर्ष 2007-08 में प्याज के निर्यात में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
वजन के लिहाज से देखें तो यह गिरावट 1.65 लााख टन की है हालांकि मूल्य में देखें तो इसके निर्यात में हुई कमी बड़ी मामूली है। राजनीतिक हलके में काफी अरसे से संवेदनशील जिंस उत्पाद के तौर पर जाने जानेवाले प्याज का निर्यात 2007-08 में वित्तीय वर्ष 2006-07 के 11.61 लाख टन के मुकाबले 9.96 लाख टन पर जा पहुंचा।
नैशनल हॉटिकल्चर रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के इन आंकड़ों के मुताबिक, कीमत के मामले में यह गिरावट महज 19 करोड़ रुपये की रही है। यह 1,135 करोड़ रुपये से गिरकर 1,116 करोड़ रुपये के स्तर पर जा पहुंची है।
12 अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर प्याज के निर्यात को नियंत्रित और हरेक महीने इसके निर्यात मूल्य को तय करने वाली संस्था नैफेड के अनुसार, पिछले साल त्योहारों के दौरान इसके निर्यात मूल्य के ज्यादा रहने और बंदरगाहों से इसकी ढुलाई में बाधा पहुंचने के चलते निर्यात में यह कमी हुई है।
पिछले साल सरकार ने घरेलू मोर्चे पर प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्यात को हतोत्साहित करना जरूरी समझा और इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य में बढ़ोतरी कर दी। इस दौरान प्याज का औसतन मूल्य प्रति टन 495 डॉलर तक चला गया था।बाजार में इसकी खुदरा कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी थी।
यही नहीं सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए लाइसेंस को जरूरी करते हुए इसके लिए लाइसेंस परमिट देने की प्रक्रिया धीमी कर दी थी। इस साल अप्रैल के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 180 डॉलर प्रति टन निश्चित किया गया है। जबकि अधिकतर जगहों के लिए इसके निर्यात मूल्य 165 से 390 डॉलर प्रति टन के बीच रखे गए हैं। खाड़ी जैसे बड़े आयातकों के लिए इसे 180 से 210 डॉलर प्रति टन के स्तर पर रखा गया है।