अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चाय की बढ़ती मांग और देश में उत्पादन कम होने से पिछले कुछ महीनों में चाय की कीमतों में 25 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है।
हालांकि, चाय की मांग साल दर साल बढ़ी ही जा रही है। महंगाई के बढ़ने में इसकी भी भूमिका है। कारोबारियों के अनुसार, चार महीने पहले जिस चाय की कीमत प्रति किलोग्राम 80 रुपये हुआ करती थी वह अब 100 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर मिल रहा है और अभी भी इसकी कीमत बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि कीमत बढ़ने की मुख्य वजह बढ़ती कीमतों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मांगों में आने वाली तेजी है। उत्तर प्रदेश के टी पैकेजर्स एसोसिएशन के सदस्य रमेश अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि प्रतिकूल मौसम के कारण इस साल उत्पादकता कम होने का अनुमान है, जबकि दूसरी तरफ चाय की घरेलू मांग सालाना 5-6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यही कारण है कि चाय की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘आकलन के मुताबिक इस साल मांग में लगभग 12 प्रतिशत की वृध्दि हुई है साथ ही निर्यात में बढ़ोतरी हुई है।’चीन, केन्या, श्रीलंका और भारत विश्व के प्रमुख चाय उत्पादक देश हैं। चीन अपने कुल उत्पादन की खपत घरेलू स्तर पर करता है जबकि शेष तीन देश निर्यात भी करते हैं। श्रीलंका और केन्या के चाय बागान राजनीतिक अस्थिरता और मौसम के उतार-चढ़ावों से प्रतिकूल रुप से प्रभावित हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात करने के मामले में भारत इस साल प्रथम स्थान पर रहा है।
अग्रवाल ने बताया, ‘इस वर्ष चाय के निर्यात में 10 करोड़ किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है।’ उन्होंने कहा कि सर्दियों में चाय कीमत और भी बढ़ सकती है क्योंकि नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक पेकेजर कंपनियों के पास चाय का न्यूनतम भंडार है और जब ये कंपनियां बाजार से चाय की खरीद कर अपना भंडार बढ़ाने चलेंगी तो कीमतों का बढ़ना स्वभाविक होगा।पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 400 लाख किलोग्राम कम चाय का उत्पादन हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चाय की कीमतें पहले ही सामान्य से लगभग 0.7 डॉलर अधिक हैं। भारत वैश्विक चाय के 31 प्रतिशत का उत्पादन करता है।
कारोबारी दीपक ने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों ने भी कीमतें बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा, ‘150 से 180 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर उपलब्ध चाय अभी 190 से 210 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक सहा है। अन्य कंपनियों ने अपनी पैकिंग के भार घटा दिए हैं और मूल्य को यथावत बरकरार रखा हुआ है।’ पैकेट के भार में 18 प्रतिशत तक की कमी की गई है। देश में 9600 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन किया जाता है। घरेलू खपत 7500 लाख किलोग्राम की है। इस हिसाब से देखा जाए प्रति व्यक्ति सालाना चाय की खपत 700 ग्राम की है।