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80 वर्ष पुराना कॉफी ऐक्ट होगा वापस

Last Updated- December 11, 2022 | 5:16 PM IST

केंद्र सरकार ने मौजूदा 80 साल पुराने कॉफी ऐक्ट को वापस लेने की योजना बनाई है। साथ ही सरकार ने भारतीय कॉफी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ‘कॉफी (प्रोत्साहन और विकास विधेयक), 2022’ लाने की तैयारी में है।
नए कानून के माध्यम से सरकार का मकसद भारतीय कॉफी बोर्ड के कामकाज का आधुनिकीकरण करना है, जिसका दायित्व उत्पादन को बढ़ावा देना, भारतीय कॉफी की गुणवत्ता दुरुस्त रखना, निर्यात को प्रोत्साहन देना और घरेलू बाजार को विकसित करना होगा। यह विधेयक संसद के चल रहे सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
इस मामले के जानकार सरकारी अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा कानून 1942 में लागू किया गया था, जिसके प्रावधान उस वक्त के हिसाब से व्यावहारिक थे। इस समय तमाम नियम कानून, खासकर कॉफी के विपणन से जुड़े कानून बेकार हो चुके हैं। इसके साथ ही पिछले 10 साल से कॉफी के उत्पादन से  लेकर विपणन और खपत के व्यवहार में अभूतपूर्व बदलाव आया है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में समग्र प्रावधान वाले संशोधित विधेयक का मकसद कॉफी की संपूर्ण मूल्य शृंखला को बढ़ावा देना और विकास करना और कारोबार की सुगमता सुनिश्चित करना है। यह विधेयक आम नागरिकों सहित सभी हिस्सेदारों के लिए लाभदायक होगा।’
अधिकारी ने कहा, ‘नए विधेयक से कॉफी बोर्ड के कामकाज के कुछ क्षेत्रों जैसे उत्पादन, शोध,  विस्तार और गुणवत्ता सुधार, कॉफी को बढ़ावा देने और उत्पादकों के कौशल विकास को समर्थन करेगा।’
कॉफी उद्योग के बढ़ने से नौकरियों का सृजन होगा और कॉफी मूल्य शृंखला के सभी क्षेत्रों में कारोबारी उद्यमशीलता के अवसर बढ़ेंगे, जिसमें उत्पादन से लेकर खपत तक शामिल है। इसके अलावा ग्राहकों को अन्य देशों के मानकों के मुताबिक अच्छी गुणवत्ता की कॉफी मिलेगी।

First Published - July 27, 2022 | 1:06 AM IST

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