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और कड़वा होगा तेल का स्वाद

Last Updated- December 07, 2022 | 6:48 PM IST

पाम ऑयल (क्रूड) के वायदा और हाजिर, दोनों ही कीमतों में हो रही भारी गिरावट के कारण बाजार में खाद्य तेलों की कमी होती जा रही है।


गिरावट का यह रुख जारी रहा तो अगले महीने खाद्य तेल का संकट भी हो सकता है, क्योंकि पाम ऑयल के साथ-साथ सरसों व सोया तेल का स्टॉक भी बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है। अगस्त, सितंबर व अक्टूबर महीनों में त्योहार के कारण 30-32 लाख टन तेल की मांग होती है।

ऐसे में स्टॉक सीमित होने से इसकी किल्लत होनी तय है। उधर, पॉम तेल की आपूर्ति नहीं होने से सरसों व सोया के तेलों में तेजी बरकरार है। तेल कारोबारी के मुताबिक, क्रूड पाम ऑयल की कीमत दो साल के दौरान अपने न्यूनतम स्तर पर है। वायदा कारोबार से जुड़े एक्सचेंज एमसीएक्स के मुताबिक, आगामी 31 अक्टूबर के लिए सीपीओ की कीमत 371 रुपये प्रति दस किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई।

एनसीडीईएक्स के वायदा भाव के मुताबिक 1 जुलाई को सीपीओ की कीमत 524 रुपये प्रति दस किलोग्राम थी, जो 25 अगस्त को 400 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई। तेल व्यापारी कहते हैं, ‘वायदा भाव के गिरते ही हाजिर कीमत में भी लगभग समान गिरावट हो जाती है, जबकि बाजार में पाम का स्टॉक बिल्कुल नगण्य है।

भारतीय आयातकों ने सीपीओ को मंगाने से साफ मना कर दिया है और जिनके पास पहले से कुछ स्टॉक बचे हैं वे भी उसे नहीं निकालना चाहते हैं।’ बाजार सूत्रों के मुताबिक फिलहाल देश में पाम ऑयल का मात्र 2 लाख टन का स्टॉक है।

सोया तेल का स्टॉक लगभग 25 हजार टन बताया जा रहा है वही सरसों का देश भर में 12-13 लाख टन का स्टॉक है। इससे लगभग 4 लाख टन तेल निकाले जा सकते हैं। देश में खाद्य तेल की सालाना खपत 115-120 लाख टन है।

दिल्ली वेजीटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी कहते हैं, ‘अगले महीने खाद्य तेलों के संकट की पूरी आशंका है। कारोबारी घबराहट व घाटे के डर से तेल नहीं उठा रहे हैं। उधर सोयाबीन की नयी फसल अक्टूबर महीने में आएगी तो सरसों की अगले मार्च में आएगी।’

First Published - August 27, 2008 | 12:09 AM IST

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