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चीनी उत्पादन में ‘बड़ी’ गिरावट के आसार

Last Updated- December 07, 2022 | 8:06 PM IST

इस साल मानसून की बारिश कहीं कम तो कहीं ज्यादा होने की वजह से गन्ने की बुआई में 16 फीसदी की कमी आई है। इस वजह से इस साल चीनी के उत्पादन में 40 फीसदी कमी आने की आशंका जताई जा रही है।


अगस्त तक पूरे देश में सिर्फ 45 लाख हेक्टेयर जमीन में गन्ने की बुआई हो पाई है, जबकि पिछले साल 53 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती की गई थी। अगस्त तक महाराष्ट्र में लगभग 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुआई हुई है। बुआई क्षेत्र में कमी और संभावित चीनी उत्पादन में गिरावट का खामियाजा महाराष्ट्र को भुगतना पड़ सकता है।

पिछले दो साल से महाराष्ट्र को चीनी उत्पादन में नंबर वन राज्य का दर्जा प्राप्त है। अब इस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और यह खिताब महाराष्ट्र से छिन सकता है। ऐसे में एक बार फिर उत्तर प्रदेश बाजी मार सकता है। जानकार मानते हैं कि चीनी उत्पादन कम होने से इस साल इसकी कीमत में लगभग 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

हालांकि कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना से महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन लिमिटेड (एमएससीएसएफएफएल) के सचिव अजीत चौगुले इंकार करते हैं। उनका कहना है कि इस साल चीनी उत्पादन में कमी आने से इनकार नहीं किया जा सकता।

साल 2007-08 में जहां देश भर में 273 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, वह इस साल यानी वर्ष 2008-09 में घटकर 217 लाख टन हो सकता है। इस प्रकार देश में इस वर्ष 56 लाख टन चीनी का उत्पादन कम होगा। चौगुले का कहना है कि उत्पादन कम होने से कीमतों में कोई फर्क इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में चीनी का पहले से ही स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है।

इस समय देश में प्रति माह लगभग 20-25 लाख चीनी की खपत होती है। सिर्फ महाराष्ट्र की बात की जाए तो एक महीने में यहां 5 लाख टन चीनी की जरूरत पड़ती है। पिछले साल के दौरान देश केअंदर 215 लाख टन चीनी की खपत हुई थी, जो इस वर्ष बढ़कर 225 लाख टन पहुंच जाने की उम्मीद है। इस साल उत्पादन 217 लाख टन और खपत 225 लाख होने से 8 लाख टन चीनी की किल्लत की बात कही जा रही है।

लेकिन इस समय देश में 128 लाख टन चीनी का भंडार है, जबकि चीनी का उत्पादन 217 लाख टन होने की उम्मीद की जा रही है। इस प्रकार कुल 345 लाख टन चीनी उपलब्ध रहेगी। दूसरी ओर, चीनी व्यापारियों का कहना है कि देश में चीनी की पर्यात मात्रा होने के बावजूद इस वर्ष चीनी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

देश में शुरू हुए त्योहारी सीजन और उत्पादन कम होने की खबरों की वजह से अगले एक दो महीनों में ही इसकी कीमतों में लगभग 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका फर्क देश केचीनी निर्यात पर भी पड़ेगा। पिछले साल 45 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था, जो इस साल घटकर 20 लाख टन रह जाने की संभावना है।

चीनी उत्पादन में पिछले दो सालों से महाराष्ट्र अव्वल रहा है, लेकिन इस साल यह तमगा उत्तर प्रदेश को मिल सकता है। महाराष्ट्र में इस वर्ष कुल 8 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई है, जिसमें 529 लाख टन गन्ना उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। इसमें से लगभग 56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सकेगा। दूसरी ओर एमएससीएसएफएफएल से प्राप्त आंकड़ों केअनुसार इस वर्ष उत्तर प्रदेश में 65-70 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।

First Published - September 7, 2008 | 11:58 PM IST

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