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बायोडीजल उत्पादकों को मिल गए घरेलू खरीदार

Last Updated- December 08, 2022 | 7:02 AM IST

भारतीय बायोडीजल उत्पादक, जो हाल तक निर्यात बाजार पर पूरी तरह निर्भर थे, अब अपने उत्पादन का एक हिस्सा डीजल जेनरेटर इस्तेमाल करने वालों तथा बसट्रक के बड़े बेड़ों के मालिकों को बेच सकेंगे।


डीजल जेनरेटर सेट जहां पूर्णरूपेण बायोडीजल से चलाए जा रहे हैं वहीं बस और ट्रक के मालिक डीजल में 20 फीसदी बायोडीजल की मिलावट कर रहे हैं।

बायोडीजल की कीमत 34 से 35 रुपये प्रति लीटर है जो फॉसिल डीजल की कीमतों के मुकाबले एक रुपये प्रति लीटर कम है।

काकीनाड़ा स्थित नैचुरल बायोएनर्जी का संयंत्र अब अपना 30 प्रतिशत उत्पाद घरेलू बाजार में बेच रही है जबकि शेष का निर्यात कर रही है। इस संयंत्र की क्षमता सालाना 1,00,000 टन बायोडीजल का उत्पादन करने की है।

कंपनी के प्रबंध निदेशक डी एस भास्कर ने कहा, ‘भविष्य में हमारा अनुमान है कि घरेलू बाजार में हम अपना आधा उत्पाद बेच पाएंगे। हम बड़े बस या ट्रक मालिकों और डीजल जेनरेटर सेट इस्तेमाल करने वालों को लक्ष्य कर रहे हैं।’

सौभाग्यवश घरेलू बाजार से मांग तब आई है जब बायोडीजल का निर्यात पर दबाव है और कच्चे तेल की कीमतें घटने की वजह से प्राप्तियों में 50 फीसदी की कमी आई है।

क्लीनसिटीज बायोडीजल के मुख्य कार्याधिकारी और अध्यक्ष श्रीनिवास प्रसाद मोतुरी ने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमतें कम होने से अंतरराष्ट्रीय मांग में कमजोरी आई है और हमलोगों ने घरेलू बाजार का रुख किया है।

हालांकि घरेलू बाजार में छोटे पैमाने पर बायोडीजल का कारोबार चल रहा है और इसमें तेजी तभी आएगी जब सरकार बायोडीजल की मिलावट काना अनिवार्य बना दे।’

क्लीनसिटीज बायोडीजल की क्षमता 2.5 लाख टन की है। कोलकाता स्थित इमामी समूह पश्चिम बंगाल राज्य परिवहन निगम से कीमतों पर बातचीत कर रही है।

इमामी के निदेशक आदित्य अग्रवाल के अनुसार, पश्चिम बंगाल राज्य परिवहन निगम अपनी बसों में 20 प्रतिशत बायोडीजल की मिलावट करना चाहता है। इस कंपनी का एक लाख टन क्षमता वाला संयंत्र हल्दिया में है।

यूनियन कैबिनेट ने 12 सितंबर को बायो-फ्यूल पर राष्ट्रीय नीति को मंजूरी दी थी। इसके तहत साल 2017 तक पेट्रेल और डीजल में 20 प्रतिशत बायोडीजल की मिलावट करने का लक्ष्य किया गया है।

हालांकि, वर्तमान में पेट्रोल में केवल एथेनॉल की मिलावट (5 प्रतिशत) की जाती है और बायोडीजल का मिलावट नहीं किया जाता है।

First Published - December 3, 2008 | 11:05 PM IST

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