त्रिपुरा में पंख फैला चुके बर्ड फ्लू से निपटने के लिए प्रशासन कोई कोताही बरतना नहीं चाहता। इसे देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम शुरू हो चुका है।
बर्ड फ्लू से उपजी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं।गौरतलब है कि त्रिपुरा के धलाई जिले में पिछले कुछ दिनों से मुर्गियों की मौत से यह मामला प्रकाश में आया था। बाद में भोपाल की प्रयोगशाला में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन हरकत में आया।
बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए राज्य प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र के 8 गांवों में तकरीबन 25,000 मुर्गियों को मारने का फैसला किया, जिसकी शुरुआत हो चुकी है। मुर्गियों को मारने का अभियान अगले तीन दिन तक जारी रहने की संभावना है। बर्ड फ्लू से पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में लोगों का बुखार और अन्य बीमारियों का परीक्षण किया जा रहा है और इंफेक्शन की स्थिति में उपचार के लिए कमालपुर अस्पताल में विशेष व्यवस्था की गई है।त्रिपुरा के पशु संसाधन मंत्री अघोर देबबर्मा ने स्थिति पर कहा, ‘राज्य सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रभावित क्षेत्रों में दवा और मेडिकल स्टाफ की कोई कमी नहीं है।’
उन्होंने कहा कि एच5एन1 वायरस को और अधिक न फैलने देने के लिए 21 त्वरित कार्रवाई टीमें बनाई गई हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों मे मुर्गियों को मारने का काम करेंगी। इसके साथ ही प्रोटेक्टिव सूट और मास्क से लैस 100 स्वास्थ्यकर्मी भी प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान(नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज)से डॉक्टरों की विशेष टीम प्रभावित क्षेत्र में भेजी गई है।
इस टीम को स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है। बर्ड फ्लू को लेकर राज्य मे अलर्ट जारी कर दिया गया है। बांग्लादेश और राज्य के बाहर से मुर्गियों की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगा दी गई है। सीमा सुरक्षा बल ने इसके लिए राज्य की सीमा को सील कर दिया है।भारत मे यह वायरस पूर्वी क्षेत्र में फैला हुआ है। पहले इसने पश्चिम बंगाल में आतंक फैलाया और अब इसने त्रिपुरा में दस्तक दी है।
इस वजह से पॉल्ट्री उद्योग प्रभावित हुआ है, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है। बर्ड फ्लू के कारण ही श्रीलंका और बांग्लादेश ने भारत से अंडों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में केवल उन्हीं इलाकों में मुर्गियों की बिक्री में कमी आई है, जहां पर बर्ड फ्लू फैला हुआ है। देश के बाकी हिस्सों में इसको लेकर कोई हौव्वा नहीं है और मांग पर मामूली सा फ र्क पड़ा है।
देश में काफी संख्या में किसान पॉल्ट्री उद्योग से जुड़े हुए हैं।भारतीय पॉल्ट्री उद्योग पर बर्ड फ्लू 2006 से अब तक तीन बार हमला कर चुका है। देश में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई इंसानी मामला सामने नहीं आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकडों के मुताबिक दुनियाभर मे अभी तक बर्ड फ्लू के चलते 12 देशों के 238 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
भारत में इस मामले को लेकर इसलिए गंभीरता बरती जा रही है क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि एच5एन1 वायरस मौसमी एनफ्लुएंजा के साथ मिलकर विकट स्थिति पैदा कर सकता है।