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उवर्रक की कमी से निपटने में जुटा केंद्र

Last Updated- December 08, 2022 | 2:46 AM IST

देश के कुछ भागों में उवर्रक की कमी की शिकायतों के बीच केन्द्र ने राज्य के कृषि विभागों के साथ रोजाना वीडियो कॉन्फ्रेसिंग आयोजित करने का फैसला किया है ताकि रबी सत्र में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, केन्द्र ने केन्द्रीय कृषि सचिव और राज्यों के कृषि विभागों के शीर्ष अधिकारियों के बीच रोजाना आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग करने का निर्णय किया है। इसका मकसद प्रमुख रबी फसल उत्पादक राज्यों में उवर्रकों की उपलब्धता पर निगरानी रखना है।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट सचिव कृषि एवं उवर्रक सचिवों के साथ नियमित संपर्क के जरिए स्थिति पर निगरानी रखेंगे। केन्द्र ने पहले ही पर्याप्त उपलब्धता का आश्वासन दिया है और वह उपयुक्त वितरण को लेकर चौकस है ताकि उवर्रक किसानों तक पहुंचे और जमाखोरी एवं तस्करी के कारण किसी तरह के कृत्रिम अभाव की स्थिति पैदा नहीं हो।

रसायन एवं उवर्रक मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत से पड़ोसी देशों को उवर्रकों की तस्करी होने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने प्रदेशों से जमाखोरों और तस्करों से सख्ती से निपटने को कहा।

पासवान ने इस रबी सत्र के लिए सभी तरह के उवर्रकों की बहुतायत में आपूर्ति का आश्वासन दिया था। वर्ष 2007..08 के दौरान यूरिया की खपत 261.67 लाख टन थी। सरकार ने इस वर्ष 288 लाख टन यूरिया की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 158.02 लाख टन की अक्टूबर के अंत तक पहले ही आपूर्ति हो चुकी है।

इसी तरह से चालू वर्ष के लिए 111 लाख टन डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले वर्ष महज 75.55 लाख टन ही था। पिछले माह तक 68 लाख टन डीएपी की आपूर्ति हुई है।

First Published - November 9, 2008 | 11:15 PM IST

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