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रबी सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ में उर्वरक की कमी के आसार

Last Updated- December 07, 2022 | 11:09 PM IST

छत्तीसगढ़ रबी मौसम 2008-09 में रासायनिक खाद की कमी की तरफ बढ़ रहा है। मौजूदा साल में रबी मौसम 1 अक्टूबर से शुरू हो रहा है।


जबकि किसानों को जो ग्रामीण सहकारी सोसाइटी इसकी आपूर्ति देते हैं, उनके पास भी स्टॉक की कमी है। राज्य सरकार के स्टॉक में भी रबी मौसम की कुल मांग का 17 फीसदी ही सुरक्षित है। कृषि विभाग के एक सूत्र ने कहा, ‘रबी सीजन में कुल खाद की मांग 2 लाख 25 हजार टन है।

राज्य सरकार की एजेंसियों के पास इस मांग को पूरा करने के लिए मात्र 39,996 टन खाद ही उपलब्ध है।’ पूरे राज्य में 17.8 लाख हेक्टेयर जमीन पर रबी सीजन में बुआई की जाती है। वैसे वरिष्ठ इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि अगर केंद्र सरकार राज्य को दिए जाने वाले कोटे में कमी न करे, तो मांग को पूरा किया जा सकता है।

राज्य बाजार संघ के प्रबंध निदेशक दिनेश श्रीवास्तव ने कहा, ‘अपेक्षाकृत इस बार रबी सीजन में मांग कम है, इसलिए हमलोग आशान्वित हैं कि इस मांग को पूरा कर लिया जाएगा।’ खरीफ सीजन के लिए राज्य को केंद्र से निर्धारित कोटे से 20 फीसदी कम खाद प्राप्त हुआ था।

सूत्रों ने बताया कि खरीफ सीजन में राज्य द्वारा 5 लाख 30 हजार टन खाद की मांग की गई थी, जबकि केंद्र ने मात्र 4 लाख 25 हजार टन खादी की हीं आपूर्ति करवाई थी। राज्य में खरीफ सीजन में 45 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। खरीफ सीजन में राज्य में सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) में भारी कमी देखी गई थी।

खरीफ सीजन में जहां इसकी मांग 87000 टन थी, वहीं राज्य की एजेंसियां मात्र 44000 टन एसएसपी ही मुहैया करा पाई थी। वैसे रबी सीजन में एसएसपी की मांग 40 हजार टन है और सरकार के पास इसका स्टॉक 5700 टन है।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब सब कुछ केंद्र सरकार के आवंटन पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार राज्य द्वारा मांगी गई खाद की मात्रा पूरी नहीं करती है, तो निश्चित तौर पर राज्य में रबी सीजन में खाद की किल्लत हो जाएगी।’

First Published - October 10, 2008 | 12:36 AM IST

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