कम आवक और विदेशों के साथ-साथ देसी बाजार में अधिक मांग के चलते अगले सप्ताह मिर्च के वायदा कारोबार में तेजी आ सकती है।
पिछले हफ्ते ही मिर्च के भाव में 350 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई थी। पिछले हफ्ते मिर्च की आपूर्ति 1.2 लाख बैग(प्रत्येक बैग 40 किलोग्राम का ) से घटकर 40,000 से 50,000 बैग तक आ पहुंची थी। इसमें भी बढ़िया किस्म की मिर्च की आवक घट कर आधी रह गई है।
पाकिस्तान में मिर्च की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है जबकि बांग्लादेश और इंडोनेशिया भी प्रमुख मिर्च आयातक देश हैं। कमोडिटी विशेषज्ञों का अनुमान था कि मिर्च के भाव 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं, लेकिन अब उनका कहना है कि मिर्च के भाव 5,400 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।
वैसे अगले हफ्ते से आवक के बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन मांग में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। नकदी बाजार में भाव 4,600 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल केआसपास चल रहा है। दरअसल आंध्र प्रदेश में हुई बारिश ने मिर्च के भाव बढाने में खास भूमिका अदा की है। आंध्र प्रदेश प्रमुख मिर्च उत्पादक राज्य है।
और टूट सकता है चना
कमोडिटी के वायदा कारोबार प्रतिबंध की आशंकाओं के चलते चने के भाव और कम हो सकते हैं। कमोडिटी विशेषज्ञों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की सूची में होने के कारण और राजनीतिक पेंचो के चलते ऐसा हो सकता है। इन परिस्थितियों के चलते चने के कीमत में कमी आ सकती है।
वैसे इसमें अभिजीत सेन गुप्ता कमिटी की रिपोर्ट में कमोडिटी वायदा कारोबार को लेकर की गई अनुशंसाओं से अगले हफ्ते से चने की कीमतों में अगले हफ्ते से कुछ सुधार होने की संभावना है। नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज में मई में चने केवायदा कारोबार में 234 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से आवक बढ़ने की स्थिति में मांग में भी सुस्ती आ जाएगी। वैसे जब चने की कीमतों में तेजी आ रही थी तब किसानों को उम्मीद बंध रही थी कि चने के भाव 3,200 रुपये प्रति क्विंटल को छू लेंगे। लेकिन जबसे भाव गिरे हैं, किसान अपने पास स्टॉक नहीं रख रहे हैं। पिछले हफ्ते वायदा कारोबार 2,738 रुपये से गिरकर 2,504 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए।