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ओपेक बैठक से पहले उबला कच्चा तेल

Last Updated- December 08, 2022 | 1:06 AM IST

एशियाई बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गुरुवार को तेजी का रुख रहा। कारोबारियों के मुताबिक, उत्पादन घटाने को लेकर ओपेक की शुक्रवार को होने जा रही वियना बैठक के मद्देनजर ऐसा हुआ है।


न्यू यॉर्क के मुख्य अनुबंध लाइट स्वीट कच्चे तेल के दिसंबर अनुबंध का भाव 40सेंट बढ़कर 67.15 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक चला गया। ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चे तेल के दिसंबर अनुबंध का भाव भी 38 सेंट बढ़कर 64.90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया।

डीलरों ने बताया कि ओपेक की बैठक से एक दिन पहले आज कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई लेकिन कीमतें 16 महीने के न्यूनतम स्तर के आस पास रहीं। ऐसा अनुमान है कि कच्चा तेल उत्पादक देशों का समूह उत्पादन में कटौती की योजनाओं की घोषणा कर सकता है।

कल कच्चे तेल के बाजार में भारी गिरावट देखी गई, खास तौर से अमेरिका में कच्चे तेल की मांगों में आ रही खबर से तेल की कीमतों में भारी कमी देखी गई। उल्लेखनीय है कि अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है।

कल लंदन में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 63.96 डॉलर प्रति बैरल रहीं जो जुलाई की रेकॉर्ड 147.50 डॉलर की कीमत से 56 प्रतिशत से भी कम है। न्यू यॉर्क में कच्चे तेल की कीमत भी 66.20 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई, कच्चे तेल की ऐसी कीमत जून 2007 में अंतिम बार देखी गई थी।

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) की बैठक कल वियना में होने वाली है, वह भी ऐसे समय में जब ग्रेट डिप्रेशन के बाद वैश्विक आर्थिक प्रणाली का संकट सबसे ज्यादा गहरा है। महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन ओपेक के मंत्रियों का ऑस्ट्रेलिया की राजधानी वियना में आना शुरू हो गया है।

वियना की बैठक में कच्चा तेल उत्पादक देशों का यह समूह आर्थिक मंदी के कारण कच्चे तेल की मांग में आई कमी से तेल की गिरती कीमतों को संभालने के लिए उत्पादन में कटौती की घोषणा करने के लिए तैयार है।

ईरान के तेल मंत्री ने वियना पहुंचने पर कहा कि तेल की मांग में कमी का मतलब है कि ओपेक को कल होने वाली बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करने का निर्णय करना चाहिए।

गुलाम हुसैन नोजारी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘बीस लाख बैरल कटौती से बाजार स्थिर होगा।’ उन्होंने कहा कि ईरान तेल उत्पादन में कटौती की संभावना तलाश रहा है। नोजारी ने कहा, ‘जिस दर से मांग घट रही है, उसे देखते हुए उत्पादन घटाना सही होगा।’

उल्लेखनीय है कि ओपेक सदस्य देश कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की मांग कर रहे हैं जिससे कीमतों में गिरावट के रुख पर अंकुश लगाया जा सके। ओपेक वैश्विक तेल के 40 प्रतिशत का उत्पादन करता है और इसके आधिकारिक उत्पादन आंकड़ों के अनुसार यह प्रति दिन 288 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है।

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रेलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज में ईरान दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और इसकी अर्थव्यवस्था मुख्य तौर पर तेल और गैस से होने वाली आय पर निर्भर करती है। ओपेक में कच्चे तेल का सबसे अधिक निर्यात करने के मामले में सऊदी अरब प्रथम स्थान पर आता है।

First Published - October 23, 2008 | 10:17 PM IST

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