मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में अमेरिका की आर्थिक विकास दर के अनुमान से कम रहने के चलते ऊर्जा की मांग घटने से एशियाई बाजारों में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुख रहा।
सितंबर में डिलीवर होने वाले लाइट स्वीट क्रूड ऑयल का भाव न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में 73 सेंट घटकर 123.35 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं लंदन में ब्रेंट नार्थ सी क्रूड के सितंबर डिलीवरी का भाव 84 सेंट घटकर 123.14 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
मेलबर्न के एक विश्लेषक मार्क पर्वन ने कहा कि बाजार की धारणा घटती मांग पर ज्यादा केंद्रित है न कि अल्पावधि की आपूर्ति बाधा पर। अमेरिका के वाणिज्य विभाग का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में अनुमान था कि उसकी अर्थव्यवस्था की विकास दर दूसरी तिमाही में 2.3 फीसदी रहेगी।
लेकिन यह अनुमान संशोधित करते हुए कहा जा रहा है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। यही नहीं, 2007 की चौथी तिमाही की विकास दर अनुमानित विकास दर से 0.2 फीसदी कम रही। 2001 के बाद से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में पहली बार अनुमान से कम विकास हुआ है। पर्वन ने बताया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आयी मंदी की यह पुष्टि करता है। 11 जुलाई को रेकॉर्ड 147 डॉलर पर पहुंचने के बाद कच्चे तेल में 23 फीसदी की कमी आना संकेत करता है कि मंदी के चलते धारणा है कि कच्चे तेल की मांग में कमी आएगी।