पिछले दो महीनों में यूरो के मुकाबले डॉलर में सबसे बड़ी गिरावट के बाद कच्चे तेल की कीमतों में कुछ परिवर्तन आया है।
न्यू यॉर्क में कच्चे तेल की कीमतें 145 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गईं। इसके अलावा ब्राजील में तेल उद्योग से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल करने की बात कह रहे हैं जिसकी वजह से भी उत्पादन प्रभावित होने की उम्मीद जताई जा रही है।
वैसे अमेरिकी वित्त सचिव हैनरी पॉलसन के कुछ प्रयासों के बाद कच्चे तेल में कुछ स्थिरता का रुख आया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील में समुद्री तेल क्षेत्र में कर्मचारियों की प्रस्तावित पांच दिन की हड़ताल की वजह से भी तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नाईमैक्स) में अगस्त अनुबंध के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 30 सेंट की कमी आई और कीमतें 144.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ‘येरूसलम पोस्ट’ की एक रिपोर्ट जिसमें इस्राइल द्वारा ईरान पर हमले की बात की गई थी, के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ गई थी। हालांकि बाद में इस्राइल ने अखबार की रिपोर्ट को गलत बताया। उस दिन कच्चे तेल की कीमतों में 2.4 फीसदी का इजाफा हुआ था।
वैसे तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के अध्यक्ष चकीब खलील का भी यही मानना है कि यदि लड़ाई छिड़ती है तो तेल की कीमतें और ऊपर चली जाएंगी। यहां यह तथ्य भी बता दें तेल के सुरक्षित भंडारों की दृष्टि से ईरान का दुनिया में दूसरा स्थान है। दूसरी ओर ब्रेंट नॉर्थ सी में भी 11 जुलाई को अगस्त अनुबंध के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 1.7 फीसदी की तेजी आई थी और कीमतें 2.46 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 144.49 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं थीं। इस सत्र में कीमतें रेकॉर्ड 147.50 डॉलर प्रति बैरल तक भी पहुंच चुकी हैं।