कच्चे तेल की कीमतें अब थोड़ी राहत देती लग रही हैं।न्यूयॉर्क के प्रमुख तेल कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड में जून में डिलिवरी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 5 सेंट की कमी आकर 115.58 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।
विश्लेषकों की नजरें अब अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक पर लगी हुई हैं। इससे पहले न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमतों में 3.12 डॉलर की कमी आई थी। दूसरी ओर लंदन के ब्रेंट नॉर्थ सी में जून डिलिवरी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 8 सेंट की बढोतरी आई।
यहां तेल की कीमतें 113.43 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 113.51 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गईं। गौरतलब है कि पिछले दिनों तेल की कीमतें रेकॉर्ड 120 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गई थीं। दरअसल स्कॉटलैंड की ग्रैंगमाउथ रिफाइनरी में 1200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गये थे जिसकी वजह से जान मानी तेल कंपनी बीपी को अपनी रिफाइनरी को बंद करना पड़ा था।
इसके अलावा नाइजीरिया की तेल कंपनी एक्सोन मोबिल से भी उत्पादन में कमी ने तेल की किल्लत पैदा कर दी थी। इन वजहों ने तेल की कीमतों को अपने उच्चतम स्तर पर पहंचा दिया था। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिन तक चलने वाली बैठक के बाद ब्याज दरों में और कटौती की संभावना है। इस बैठक से आने वाला परिणाम भी तेल की कीमतों पर असर डालेगा।