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ढलान पर है कच्चे तेल की कीमतें

Last Updated- December 07, 2022 | 6:02 AM IST

रेकॉर्ड स्तर को छूने के बाद कच्चे तेल की गर्मी अब शांत होती दिख रही है। इसकी वजह दुनिया में तेल के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक सऊदी अरब द्वारा तेज के उत्पादन में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है।


न्यू यॉर्क में तेल के मुख्य कांट्रैक्टर लाइट स्वीट क्रूड में जुलाई अनुबंध के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 14 सेंट की कमी आई और कीमतें घटकर 134.71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। दूसरी ओर लंदन के ब्रेंट नॉर्थ सी में भी कच्चे तेल की कीमतें 11 सेंट घटकर 134.60 डॉलर प्रति बैरल हो गईं जबकि सोमवार को वहां पर कच्चे तेल की कीमतें 134.71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर थीं।

तेल के कारोबार से जुड़े विश्लेषकों का कहना है कि इस अनिश्चित बाजार में कीमतों में जो थोड़ी बहुत कमी आई है वह सऊदी अरब की वजह से आई है। गौरतलब है कि रविवार को सऊदी अरब ने तेल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर तेल उत्पादक और उपभोक्ता देशों के साथ जेद्दा में एक बैठक की है। जिसके बाद सऊदी अरब के तेल मंत्री अली अल नाउमी ने घोषणा भी कि सऊदी अरब जुलाई में 2,00,000 बैरल प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन बढ़ाएगा।

हालांकि नाउमी ने इस बात को लेकर भी चिंता जताई कि जो देश तेल की कीमतों का रोना रो रहे हैं, वहां पर तेल पर बहुत ज्यादा कर लगाए हुए हैं और सट्टेबाजी को भी बढ़ावा मिल रहा है। दूसरी ओर बार्कलेज कैपिटल से जुड़े एक विश्लेषक का कहना है कि सऊदी अरब एक महीने के दौरान तेल के उत्पादन में जो प्रस्तावित बढ़ोतरी करने जा रहा है वह अगस्त 1981 के बाद से होने वाली एक महीने में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।

उनका यह भी कहना है कि फिलहाल तेल की कीमतों ने जो हायतौबा मचा रखी है, इस कदम से भी इसमें कुछ सुधार होने वाला नहीं। उनका मानना है कि इससे अगर निजात मिली भी तो वह मामूली ही होगी।

सऊदी की योजना

दुनिया में तेल के सबसे बड़े उत्पादक देश सऊदी अरब की योजना तेल उत्पादन बढ़ाकर 1.25 करोड़ बैरल प्रतिदिन तक करने की है। इसके लिए सऊदी अरब 80 अरब डॉलर निवेश भी करने जा रहा है।

इसके अलावा यह देश अगले कुछ सालों में अपनी रिफाइनिंग क्षमता को 43 फीसदी तक बढ़ाकर 60 लाख बैरल प्रतिदिन तक करने की योजना पर भी काम कर रहा है। फेडरेशन ऑफ जीसीसी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जीसीसी सकल घरेलू उत्पादन में 27.9 फीसदी की तेजी आने की संभावना जताई जा रही है और अनुमान है कि तेल की बढ़ती कीमतों के चलते यह एक खरब डॉलर तक भी पहुंच सकती है।

First Published - June 17, 2008 | 11:34 PM IST

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