गुजरात में हाल में हुई बारिश ने जीरा, इसबगोल, गेहूं, आलू, सौंफ और सरसों की फसल का काफी नुकसान पहुंचाया है।
उत्तरी गुजरात के इलाके अहमदाबाद, गांधीनगर, ऊंझा, मेहसाना, पालनपुर, दीसा और बनासकांठा इलाके में चक्रवाती तूफान और अरब सागर से आई नमी के चलते अच्छी खासी बारिश की चपेट में आ गए थे।
मौसम में बदलाव, अचानक हुई बारिश और तेज हवाओं के कारण यहां के किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है क्योंकि उनकी फसल अभी खलिहान में ही पड़ी हुई थी। इसके अलावा गेहूं की खड़ी फसल, इसबगोल, सौंफ आदि को भी नुकसान पहुंचा है।
ऊंझा मार्केट में 25 हजार बैग जीरा, सरसों और इसबगोल बारिश के प्रभावित हुआ है। यहां 25 हजार बैग जीरे, 15 हजार बैग सौंफ, 5 हजार बैग सरसों और 5 हजार बैग इसबगोल की आवक हुई थी। इनमें से 25 हजार बैग सामान बारिश की चपेट में आ गई। ऊंझा एग्रीकल्चरल प्रडयूस मार्केटिंग कमिटी के चेयरमैन नारायण लल्लू ने बताया कि अचानक हुई बारिश के किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है।
करीब-करीब यही स्थिति उत्तरी गुजरात के इलाकों में है। दीसा और पालनपुर के इलाकों में आलू की फसल को नुकसान पहुंचा है जबकि मेहसाना के इलाके में सौंफ की फसल तबाह हुई है। किसानों के लिए यह काफी दर्द भरा है क्योंकि उनकी फसल अभी खलिहान में ही पड़ी हुई थी और उन्होंने गर्मी के मौसम में बारिश की उम्मीद नहीं की थी। खड़ी फसल के नुकसान के साथ-साथ तेज हवाओं ने कुछ घरों पर भी अपना असर छोड़ा और सैंकड़ों पेंड़ भी इसकी भेंट चढ़ गए।
दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र के इलाकों में (राज्य में आम उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र) इस बारिश और तेज हवाओं से बिल्कुल अछूता रहा। कुल मिलाकर आम उत्पादकों को फिलहाल कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। वैसे मौसम विभाग ने 2 अप्रैल को ही बारिश की भविष्यवाणी कर दी थी। मौसम विभाग ने कहा था कि 4 और 6 अप्रैल को देश के कई इलाकों में बारिश हो सकती है।