facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

सोने की कीमत बढ़ने से गहनों की मांग घटी

56 प्रतिशत सोना ऐसे लोग खरीदते हैं, जो 2 लाख से 10 लाख रुपये आय वर्ग में आते हैं।

Last Updated- March 16, 2025 | 10:13 PM IST
silver gold price today

सोने की कीमत मुंबई के हाजिर सराफा बाजार में 90,500 से 90,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंचने, अंतरराष्ट्रीय कीमत शुक्रवार को 3,000 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर जाने के बाद इसकी घरेलू मांग प्रभावित हुई है। उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने कहा कि आभूषण उद्योग अब इस पर बहस कर रहा है कि क्या इन ऊंची कीमतों पर मांग वापस आएगी, क्योंकि शादी का मौसम पहले ही शुरू हो चुका है। हालांकि कारोबारी अब मांग के ढांचे में बदलाव की तैयारी कर रहे हैं और उत्पादों में बदलाव पर विचार कर रहे हैं।

लंदन स्थित बुलियन रिसर्च फर्म मेटल फोकस के प्रधान सलाहकार चिराग सेठ ने कहा कि मौजूदा उच्च कीमतों पर निम्न और मध्य वर्ग की पहुंच से सोना बाहर होता जा रहा है, जो मात्रा के हिसाब से सबसे बड़े खरीदार हैं।

आईआईएम अहमदाबाद के इंडियन गोल्ड पॉलिसी सेंटर की ओर से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक आम धारणा यह है कि अमीर लोग ही सोना खरीदते हैं, लेकिन इसके विपरीत 56 प्रतिशत सोना ऐसे लोग खरीदते हैं, जो 2 लाख से 10 लाख रुपये आय वर्ग में आते हैं। 2022 से सोने की कीमत दोगुनी हो गई है, लेकिन इस कमाई वाले लोगों की बचत नहीं बढ़ी है, ऐसे में सोना खरीदने की उनकी क्षमता कम हुई है।

सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़कर 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है, जिसकी वजह जर्मन सरकार द्वारा भारी मात्रा में उधारी लेना है। एक औंस करीब 28.35 ग्राम होता है। परंपरागत रूप से जर्मन सरकार, दुनिया की सबसे अधिक वित्तीय रूप से जिम्मेदार सरकारों में से एक रही है और उसने भारी उधारी से परहेज किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमिर जेलेंस्की के बीच टकराव का अप्रत्याशित असर हुआ है। जर्मनी ने महसूस किया कि उसने रक्षा पर बहुत ज्यादा खर्च करना होगा क्योंकि अमेरिका पर अब निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

अमेरिका स्थित एल्गोरिदम विश्लेषक और अरोड़ा रिपोर्ट के लेखक निगम अरोड़ा ने कहा, ‘सोने को सरकारी उधारी पसंद है, क्योंकि फिएट मुद्राएं कमजोर होने पर सोने से सहारा मिलता है। बहरहाल कम अवधि के हिसाब से तकनीकी रूप से सोना की खरीदारी बहुत हो चुकी है। जब इसकी खरीदारी बहुत ज्यादा हो जाती है तो इसकी वापसी शुरू होती है।’ अमेरिका की शुल्क नीति से भी डर समाया है कि सोने और चांदी पर भी शुल्क बढ़ सकता है, जिसकी वजह से इसका फिजिकल स्टॉक अमेरिका भेजा जा रहा है और इसकी वजह से कीमत तेज हुई है।

इन स्थितियों को देखते हुए भारत के घरेलू बाजार में काम करने वाले आभूषण कारोबारी उच्च कीमत की स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘शादी विवाह से जुड़ी हुई मांग है, लेकिन कम कैरट और कम वजन के आभूषण की ओर झुकाव बढ़ा है।’

इस समय 14 कैरट से ऊपर की शुद्धता का सोना हॉलमॉर्क वाला होता है। कम कैरट के आभूषण, खासकर 18 कैरट का इस्तेमाल हीरा जड़ित आभूषण बनाने में होता है। मेहता ने कहा, ‘हमने सरकार से 9 कैरट सोने की हॉलमार्किंग की अनुमति मांगी है।’

कम कैरट और कम शुद्धता के आभूषण की ओर आकर्षण होने में वक्त लगेगा, लेकिन यह सब कवायद कारोबार को बचाए रखने के लिए किया जा रहा है। सोने की मांग हमेशा से रही है, चाहे कीमत कुछ भी हो। जब कीमत उच्च स्तर पर होती है तो खरीदारों को अनुकूलन में थोड़ा वक्त लगता है। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि इस समय कीमत ज्यादा है, जिसकी वजह से सोने के सिक्के, बार और आभूषण बेचे जा रहे हैं, जिससे नकदी मिल सके। जब सोने की कीमत ज्यादा होती है तो सामान्यतया ऐसा होता है।

उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘इस बार बिक्री की मात्रा बहुत ज्यादा है। महंगाई और नकदी की जरूरत पूरी करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक 2023 की मार्च तिमाही में 34.8 टन पुराना सोना नकदी के लिए बेचा गया। मार्च 2024 तिमाही में 38.3 टन सोना बेचा गया और चल रही मार्च तिमाही में यह आंकड़ा पार हो सकता है। पुराने आभूषण बदलकर नया लेने का काम भी तेज हुआ है और जल्द ही यह कुल बिक्री के आधे तक पहुंच सकता है।’

डब्ल्यूजीसी के यूरोप और एशिया के सीनियर मार्केट एनालिस्ट जॉन रीड ने कहा, ‘अमेरिकी शुल्क और बढ़ते व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितता की वजह से हाल की तेजी आई है। आर्थिक जोखिम और बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है, इसके कारण निवेशकों की सोने में दिलचस्पी पढ़ी है।’

First Published - March 16, 2025 | 10:13 PM IST

संबंधित पोस्ट