डॉलर के मजबूत होने से लंदन के मेटल एक्सचेंज में इस हफ्ते सोने के मूल्य में मंदी का रुख देखा गया और इसमें 3.7 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
जानकारों के अनुसार, यूरो की तुलना में डॉलर के मजबूत होकर पिछले तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच जाने से वैकल्पिक निवेश के रूप में सोने की मांग में कमी हुई है जिसके कारण सोने की कीमत में कमी आयी है।
कमोडिटीज फ्चूचर्स ट्रेडिंग कमीशन के आंकड़ों के मुताबिक, 3 जून को समाप्त हुए सप्ताह में हेज फंडों और दूसरे बड़े सट्टेबाजों द्वारा सोने की ऊंची कीमतों पर कुल 11 फीसदी की कटौती की गई है।
शुक्रवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में द बुलियन डेस्क डॉट कॉम के एक विश्लेषक जेम्स मूर ने बताया कि डॉलर में आई ताजा मजबूती से छोटी अवधि के लिए सोने में निवेश करना जोखिम भरा है। लंदन मेटल एक्सचेंज में तत्काल डिलिवर होने वाले सोने के भाव में इस हफ्ते 32.99 डॉलर की गिरावट आयी और यह 869.26 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया है।
न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के कॉमैक्स डिवीजन में सोने के वायदा सौदे में 70 सेंट की कमी हुई और यह 871.30 डॉलर तक चढ़ गया। स्टैंडर्ड बैंक ग्रुप लिमिटेड के कमोडिटी शोध प्रमुख वॉल्टर डी वेट ने कहा कि निवेशक शुक्रवार को अमेरिका द्वारा जारी होने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
जैसे ही महंगाई दर के बढ़ने का संकेत मिलता है अमेरिका का फेडरल रिजर्व डॉलर को मजबूती देने के लिए बैंचमार्क ब्याज दर को बढ़ाने की घोषणा कर सकता है। उनके अनुसार, यदि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अनुमान से ज्यादा हुआ तो तय है कि इससे डॉलर भी कुछ मजबूत होगा।