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उप्र में शराब पर दोहरी नीति

Last Updated- December 10, 2022 | 1:42 AM IST

अंगूर की बेटी के शौकीनों के लिए मायावती सरकार का नया फरमान कहीं खुशी कहीं गम देने वाला है। राज्य सरकार के नए फैसले के चलते उत्तर प्रदेश के उन जिलों में सस्ती शराब बिकेगी जो दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर बसे हैं।
लेकिन आबकारी राजस्व में कमी न होने पाए, इसके लिए बाकी प्रदेश में शराब की दरें बढ़ा दी गईं हैं। इस नए आदेश पर अमल अप्रैल से शुरु होगा। इसके साथ ही प्रदेश के कई जिलों में लाइसेंस के जरिए शराब बेचने का काम भी खत्म हो जाएगा और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को ठेका दे दिया जाएगा।
राज्य के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सीमा से सटे जिलों में शराब की कीमत कम करने से तस्करी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में आबकारी शुल्क कम होने के चलते शराब वहां सस्ती है और इसी के चलते उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में अक्सर तस्करी की रिपोर्ट मिलती है। सिंह का कहना है कि आबकारी शुल्क घटाने से शराब सस्ती होगी और इन जिलों में बिक्री में बढ़त होगी।
 इसके लिए प्रदेश में चार विशेष जोन बनाए गए हैं जिनमें सीमावर्ती जिले शामिल किए गए हैं। इन मंडलों में मेरठ, बरेली और आगरा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि देशी शराब बेचने वाले की जवाबदेही तय करने के लिए सरकार ने विशेष जोनों में आर्थिक रुप से मजबूत आवेदकों को ही चुनने का फैसला किया है।
इसके अलावा बाकी प्रदेश में राज्य सरकार ने देसी शराब की बेसिक लाइसेंस फीस को 15 रुपये प्रति बल्क लीटर से बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया है। देसी शराब प्रतिफल फीस में 10 रुपये बढ़ाया है जबकि विदेशी शराब में इसे 4 रुपये बढ़ाया गया है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि विशेष जोन में शराब सस्ती बेचने के फरमान के बाद भी इस साल आबकारी राजस्व के लक्ष्य को जमकर बढ़ाया गया है। इस साल के बजट में राज्य सरकार ने आबकारी राजस्व का लक्ष्य 5176 करोड़ रुपये का रखा है। 
बीते साल राज्य सरकार ने शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 4450 करोड़ रुपये रखा था। इस तरह इस साल आबकारी राजस्व के लक्ष्य को करीब 16 फीसदी बढ़ा दिया गया है जो कि हाल के सालों में सबसे ज्यादा है।
…छलकाए जाम
आबकारी राजस्व में कमी न होने पाए, इसके लिए प्रदेश के बाकी जिलों में कम नहीं कीर् गईं कीमतें

सरकार का मानना है कि सीमा पर कीमतें कम होने से अन्य राज्यों से होने वाली शराब की तस्करी पर लगेगी रोक

First Published - February 19, 2009 | 10:28 PM IST

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