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2008 में चावल का रेकॉर्ड उत्पादन होगा : एफएओ

Last Updated- December 07, 2022 | 1:40 AM IST

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि चावल उपजाने वाले किसान, जिसमें थाईलैंड, वियतनाम और भारत के किसान भी शामिल हैं, पिछले महीने की चावल की कीमतों को देखते हुए इस बार वैश्विक तौर पर चावल की रेकॉर्ड खेती करेंगे।


उल्लेखनीय है कि पिछले महीने चावल की कीमत उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। रोम स्थित एफएओ ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि वर्ष 2008 में वैश्विक तौर पर चावल का उत्पादन 4,453 लाख मीट्रिक टन होगा जो पिछले वर्ष के रेकॉर्ड 4,352 लाख टन से 2.3 प्रतिशत अधिक होगा। एफएओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चावल की खपत में 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता पशुधन-उत्पादों के महंगे होने की वजह से इनसे दूरी बना रहे हैं।

भारत और वियतनाम द्वारा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद 24 अप्रैल को चावल की कीमत 25.07 डॉलर प्रति 100 पौंड के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। 3 मई को म्यांमार में आये भारी तूफान के बाद इस महीने चावल की कीमतों में वृध्दि हुई। खेतों में पानी भर जाने से ऐसा अनुमान लगाया जाने लगा कि म्यांमार चावल के निर्यात पर रोक लगा देगा।

एफएओ रिपोर्ट में कहा गया है कि चावल का वैश्विक संविदा मूल्य अक्टूबर-नवंबर तक मजबूत बना रहेगा, इस समय नई फसल की कटाई की जाती है।  एफएओ ने कहा है कि म्यांमार 199 लाख टन चावल का उत्पादन करेगा और 2 लाख टन का निर्यात करेगा। पिछले वर्ष इस देश ने 189 लाख टन चावल का उत्पादन किया था।

एफएओ के एक अर्थशास्त्री काल्पे कन्सेप्शियन ने कहा, ‘म्यांमार के फसल पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। समस्या उस चावल के साथ है जिसकी कटाई की जा चुकी है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका अपेक्षाकृत कम चावल का निर्यात करेंगे क्योंकि उच्च कीमतों के कारण मांग में कमी आती है। एफएओ ने कहा है कि भारत, इजिप्ट, गुयाना, पाकिस्तान और वियतनाम के प्रतिबंध के बाद लदान में वर्ष 2007 के मुकाबले 6.8 प्रतिशत की कमी आएगी।

साल 2005 में 310 लाख टन की रेकॉर्ड लदाई की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत का निर्यात घट कर संभवत: 23 लाख टन हो जाएगा जो वर्ष 2001 के बाद सबसे कम होगा। पिछले वर्ष भारत ने 50 लाख टन चावल का निर्यात किया था। एफएओ ने कहा है कि इन देशें द्वारा चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों की भरपाई चीन, थाईलैंड, अमेरिका, अर्जेंटीना, डोमिनिक रिपब्लिक, म्यांमार, उरुग्वे और वेनेजुएला के निर्यात से कुछ हद तक हो जाएगी।

First Published - May 24, 2008 | 12:17 AM IST

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