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घर बैठे माल बेच मालामाल होंगे किसान!

Last Updated- December 07, 2022 | 5:02 AM IST

अपने उत्पाद को बेचने के लिए किसानों को अब मंडी नहीं जाना पड़ेगा। उन्हें अब कमिशन एजेंट व ब्रोकरों का भी मोहताज नहीं होना पड़ेगा।


वे अपने गांव में बैठे ही देश की किसी भी मंडी में अपना माल बेच सकते हैं। नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) व भारत सरकार के आईटी विभाग के सहयोग से ई-मार्केटिंग की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है।

अगस्त महीने से देश के पांच राज्यों में इस प्रकार से मालों की हाजिर डिलिवरी शुरू हो जाएगी। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल व बिहार शामिल हैं। इस काम में नैफेड भी एनएसईएल की मदद करेगा। इस बाबत इनके बीच एक करारनामा भी किया गया है।

सीएससी की स्थापना

इस कार्यक्रम के तहत अगले साल जून तक देश के 100000 गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की स्थापना की जाएगी। भारत सरकार ने इस परियोजना के विकास, उसके कार्यान्वयन व उसकी निगरानी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएल एंडे एफएस) को राष्ट्रीय स्तर की सर्विस एजेंसी नियुक्त किया है।

आईएल एंड एफएस की सीईओ अरुणा सुंदरराजन ने बताया सीएससी के तहत हर गांव में ब्रॉडबैंड व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लैस बूथ बनाया जाएगा। इस बूथ पर दो लोग नियुक्त होंगे, जो किसानों को इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग में मदद करेंगे। सुंदरराजन के मुताबिक हरियाणा में इस प्रकार के 1200 बूथ बनाए जा चुके हैं।

उम्मीद की जा रही है कि अगस्त महीने तक देश के पांच राज्यों में लगभग 8 हजार सीएससी बनकर तैयार हो जाएंगे। उनके मुताबिक किसानों को इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग से जोड़ने के लिए देश के 20 राज्यों का चयन किया गया है। सीएससी की स्थापना में रिलायंस, सीएमसी व एनआईसीटी जैसी कई अन्य कंपनियां अपना सहयोग देंगी।

कैसे होगा बिजनेस

एनएसईएल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अंजनि सिन्हा के मुताबिक एक्सचेंज के कारोबार से जुड़ने के लिए किसानों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके सदस्य कारोबारियों को 1 लाख रुपये के सौदे पर 10 रुपये बतौर शुल्क देने पड़ेंगे। किसानों को सिर्फ अपने उत्पादन के भाव को इलेक्ट्रॉनिक मशीन में देना होगा।

इस मशीन में या इंटरनेट के जरिए किसानों को यह पता लग पाएगा कि देश के किस भाग में उस वस्तु की कीमत कितनी है। इससे उन्हें अपने भाव को जारी करने में मदद मिलेगी। किसान अपने माल को एनएसईएल के गोदाम में रख सकते है। उस भाव पर खरीदारी करने पर खरीदार को भौतिक व डीमैट दोनों तरीकों से माल की डिलिवरी की जाएगी। लेकिन खरीदारी के बाद अधिकतम एक दिन के अंदर माल की डिलिवरी अनिवार्य होगा।

किसी प्रकार के वायदा कारोबार की इजाजत नहीं होगी। किसानों के माल की जांच के लिए उन्हें लैब में भेजा जाएगा। देश के सभी बाजारों के भाव रोजाना के आधार पर दिए जाएंगे और जांच रिपोर्ट आते ही उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा। अगर किसान चाहे तो शुल्क अदा कर इन गोदामों में अपने माल को एक सीजन तक रख सकता है। एनएसईएल के सदस्य पूरे देश भर में इसके टर्मिनल का विस्तार करेंगे।

फायदा व चुनौतियां

कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं नैफेड के प्रबंध निदेशक यू. के. एस. चौहान के मुताबिक किसानों को अपने माल बेचने के लिए देश भर का प्लैटफॉर्म मिलेगा। अब तक किसान अपने माल बेचने स्थानीय मंडी में जाते थे। ई-मार्केटिंग के जरिए पूरे देश भर के क्रेता उनके माल के लिए उपलब्ध होंगे। इस कार्यक्रम को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। कृषि राज्य सूची का मामला है, ऐसे में क्या यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर लागू हो पाएगा।

First Published - June 11, 2008 | 11:53 PM IST

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