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एफएमसी को करना होगा इंतजार

Last Updated- December 08, 2022 | 2:45 AM IST

जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को और अधिकार हासिल करने के लिए अभी इंतजार करना होगा।


इस आशय के विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पेश किए जाने की संभावना नहीं है। प्रस्तावित विधेयक में जिंस की परिभाषा को लेकर वित्त तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में मतभेद हैं।

इस विधेयक में एफएमसी को और अधिकार संपन्न बनाने का प्रस्ताव किया गया है। कैबिनेट इस विधेयक ‘वायदा अनुबंध (नियमन) संशोधन’ (एफसीआरए) विधेयक 2008 को पहले ही मंजूर कर चुका है। विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पेश किया जाना है, जो 10 दिसंबर से पुन: शुरू होगा।

कैबिनेट ने जब इस विधेयक को मंजूरी दी थी तो यह फैसला किया गया कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय और वित्त मंत्रालय अपने मतभेदों को इसे संसद में पेश करने से पहले सुलझा लेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कमोडिटी डेरीवेटिव की परिभाषा पर दोनों मंत्रालयों के विचार विपरीत ध्रुव बने हुए हैं।

उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि जिंस व्युत्पन्न के अधीन आने वाले उत्पादों का विशेष उल्लेख जरूरी नहीं है जबकि वित्त मंत्रालय चाहता है कि नियम को ठीक ठीक परिभाषित किया जाए। अधिकारी का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था को विधि मंत्रालय भी मंजूरी दे चुका है, इसलिए वित्त मंत्रालय को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। वहीं सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय इस मुद्दे पर सतर्क रुख अपना रहा है क्योंकि वह नहीं चाहता कि इसको लेकर दोनों मंत्रालयों में भविष्य में कोई तनातनी हो।

First Published - November 9, 2008 | 11:05 PM IST

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