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कच्चा तेल सस्ता होने पर भी वायदा कारोबार बेअसर

Last Updated- December 07, 2022 | 8:43 PM IST

कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत भले ही कम हो रही हो लेकिन वायदा बाजार में इसके कारोबार में कोई कमी नहीं हो रही है।


उल्टा आगामी महीनों के अनुबंध का कारोबार अपेक्षा से अधिक कीमत पर  किया जा रहा है। दूसरी तरफ, कच्चे तेल के गिरने से सोयाबीन और पाम तेल का बाजार टूटता नजर आ रहा है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 100 डॉलर के स्तर पर आ गयी।

लेकिन वायदा कारोबार से जुड़े सटोरियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में इसके भाव में हर हाल में इजाफा होगा। बुधवार को एमसीएक्स में 15 सितंबर के लिए 4729 रुपये प्रति बैरल की दर से कच्चे तेल का सौदा किया गया तो 15 अक्तूबर के लिए इसकी कीमत 4749 रुपये प्रति बैरल व 15 नवंबर के लिए यह 4759 रुपये प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गयी।

कार्वी कॉमट्रेड के अशोक मित्तल कहते हैं कि निवेशकों को इस बात की आशा है कि कच्चे तेल की कीमत एक बार फिर ऊपर जा सकती है। यही वजह है कि वे गिरावट के बावजूद सौदेबाजी में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। उधर कच्चे तेल में गिरावट के कारण सोयाबीन और कच्चे पाम तेल के वायदा कारोबार में कमी दर्ज की जा रही है। इसके हाजिर भाव में भी रोजाना गिरावट हो रही है।

एमसीएक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को 30 सितंबर के लिए कच्चे पाम तेल की कीमत 346 रुपये प्रति 10 किलोग्राम दर्ज की गयी। 30 अक्तूबर के लिए इसका वायदा भाव 340 रुपये प्रति 10 किलोग्राम रहा। वायदा एक्सचेंजों के ग्राफ भी इसकी सौदेबाजी में हो रही गिरावट को प्रदर्शित कर रहे है। यही नहीं, सोयाबीन का वायदा कारोबार भी गिर रहा है।

एनसीडीईएक्स के मुताबिक, जुलाई महीने में 29 लाख टन से अधिक सोयाबीन का वायदा कारोबार किया गया जो अगस्त महीने में घटकर 26 लाख टन रह गया। सितंबर की 9 तारीख तक केवल 7 लाख टन का वायदा हो पाया था। कच्चे तेल के फिसलने से सोया औैर पाम तेल भी गिरते हैं क्योंकि इन दोनों का इस्तेमाल ईंधन तैयार करने में होता है।

First Published - September 11, 2008 | 12:14 AM IST

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