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इस हफ्ते भी नरम रहेगा सोने का बाजार

Last Updated- December 07, 2022 | 4:06 PM IST

डॉलर के मजबूत होने और कच्चे तेल में गिरावट आने की वजह से इस हफ्ते भी सोने में नरमी जारी रहने के संकेत हैं।


सूत्रों के मुताबिक, इस समय महंगाई से निपटने के लिए सोने में होने वाला निवेश घटा है। इससे सोने की चमक फीकी पड़ी है और इसका भाव सुस्त हुआ है। जानकारों के अनुसार, डॉलर के कमजोर रहने पर जिन निवेशकों ने सोने में निवेश किया था, अब वे डॉलर के मजबूत होने पर सोने की बिकवाली कर सकते हैं।

वास्तव में, वैश्विक मुद्रास्फीति के चलते सोने में निवेश करने की उपभोक्ताओं की क्षमता में अब कमी आयी है। यह साफ हो चला है कि डॉलर के जबरदस्त प्रवाह से सबसे ज्यादा प्रभावित तेल उत्पादक देश हुए हैं। डॉलर के प्रवाह का ही असर है कि इस पूरे क्षेत्र में महंगाई दर दो अंकों में पहुंच चुका है। इस हफ्ते, सोने का रुख कुछ और हो सकता है।

लुढ़कने के बाद हो सकता है कि थोक कारोबारियों की ओर से सोने की खरीदारी में फिर तेजी आए। इससे सोने की कीमत थोड़ी बढ़ सकती है। दूसरी ओर ये भी हो सकता है कि ऑफ सीजन के चलते इसकी जमकर बिकवाली हो जिससे सोना 840 से 845 डॉलर प्रति औंस के नीचे चला जाए। लेकिन जानकारों का मानना है कि लंबे समय के लिए सोना 800 डॉलर प्रति औंस के नीचे नहीं जाएगा।

पिछले हफ्ते सोने में 5.2 फीसदी की कमी हुई थी जो 21 मार्च के बाद सबसे तेज कमी है। साढ़े तीन सालों के दौरान एक हफ्ते में डॉलर में हुई सबसे तेज वृद्धि से सोना साढ़े तीन महीने के न्यूनतम स्तर तक जा पहुंचा है। इसके बावजूद इसमें अभी और कमी होने की उम्मीद है। रेलिगेयर कमोडिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशक अपना निवेश सोने के अलावा दूसरे जिंसों में भी कर रहे हैं।

यूरो की तुलना में डॉलर में हुई मजबूती और पिछले पांच सालों में डॉलर में एक दिन में हुई सबसे ज्यादा वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि अमेरिकी मंदी यूरोपीय क्षेत्र और शेष विश्व को भी अपनी चपेट में ले रही है। सोने का दबाव में आने की एक और वजह अन्य जिंसों की जमकर होने वाली बिकवाली है। तांबा, कॉफी, चीनी और तेल सभी में गिरावट हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और जॉर्जिया के बीच शुरू हुए झगड़े का सोने और कच्चे तेल की आपूर्ति पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। लिहाजा इनकी कीमतें इस संकट से अप्रभावित रहेंगी। पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में लगभग 6 फीसदी या 60 डॉलर की कमी हुई और यह 855.40 डॉलर प्रति औंस से भी नीचे चला गया। एक समय तो सोने ने 2 मई के बाद के न्यूनतम स्तर 850.50 डॉलर को भी छू लिया था।

 न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में दिसंबर में डिलीवर होने वाले सोने का वायदा भाव 13.10 डॉलर कम होकर 864.80 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। इसी प्रकार, अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने का भाव 5.20 फीसदी की कमी के साथ 12,058 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

स्थानीय हाजिर बाजार में स्टैंडर्ड और शुद्ध सोने में 6 फीसदी की कमी हुई और ये क्रमश: 11,840 रुपये और 11,905 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए। उधर, कच्चे तेल में भी 5 डॉलर की कमी हुई और यह तीन महीने के निचले स्तर 115.15 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। 11 जुलाई को 147.27 डॉलर तक पहुंचने के बाद सोने में 2 महीने से भी कम समय में 32 डॉलर से ज्यादा कमी आ चुकी है।

First Published - August 11, 2008 | 2:15 AM IST

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