Chana Price: रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चना के दाम तेजी से बढ़े हैं। चालू महीने में चना का भाव 24 फीसदी से अधिक बढ़ चुके हैं। कीमतों में तेजी की वजह आवक में कमी और मांग में तेजी को माना जा रहा है। हालांकि मंडी कारोबारियों की मानी जाए तो चुनाव के कारण सरकारी दबाव होने के कारण कीमतें कम थी लेकिन चुनावी लगाम छूटते ही कीमतें और तेजी से बढ़ेगी।
उत्पादन कम होने की खबरों ने चना के भाव को हवा दे दी। इसी महीने चार मई को बीकानेर की थोक मंडी में चना 5789 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था जो बढ़कर 7200 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया। दिल्ली मंडी में चना का दाम बढ़कर 7337 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया। जबकि मई 2023 में चना का औसत दाम 5000 रुपये प्रति क्विंटल था। खुदरा बाजार में चना 90 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इस साल चने का MSP 5,440 रुपये प्रति क्विंटल है।
चना की कीमतों में आ रही तेजी को नियंत्रित करने के मकसद से केंद्र सरकार ने 3 मई को चना के आयात पर लगने वाले शुल्क को हटाने की घोषणा की थी। आयात शुल्क हटाने की घोषणा के साथ चना के दाम सरपट दौड़ने लगे।
बीकानेर मंडी के कारोबारी पुखराज चोपड़ा कहते हैं दरअसल आयात शुल्क हटाते ही किसानों और कारोबारियों के बीच यह बात पक्की हो गई कि इस बार उत्पादन कम है इसीलिए सरकार ने आयात के दरवाजे पूरी तरह से खोला है। इसके बाद स्टॉकिस्टों और किसानों ने दाम बढ़ने की उम्मीद के साथ माल रोकना शुरु कर दिया। मतदान खत्म होते ही कीमतें और तेजी से भागेगी, चना आठ हजार के पार जा सकता है।
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी किए आंकड़ों के अनुसार 2023-24 में 121.61 लाख मीट्रिक टन चना उत्पादन का अनुमान लगाया गया। हालांकि कारोबारियों का अनुमान 80 लाख टन का है, जबकि देश में चना की खपत करीब 100 लाख टन है।
2022-23 में 122.67 लाख टन उत्पादन हुआ था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2023-24 में 101.92 लाख हेक्टेयर में चना की खेती हुई जबकि 2022-23 के दौरान देश में 104.71 लाख हेक्टेयर में चने की खेती हुई थी।