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टमाटर की कीमतों में भारी कमी

Last Updated- December 10, 2022 | 1:15 AM IST

मौसम के खुशगवार होते ही बाजार में टमाटर की कीमतें औंधे मुंह गिर गयी हैं। इस समय उत्तर प्रदेश के थोक और खुदरा बाजारों में टमाटर पिछले पांच सालों के सबसे न्यूनतम स्तर पर चल रहा है।
बाजार में घरेलू आवक को देखते हुए माना जा रहा है कि अभी इनकी कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के थोक बाजारों मे टमाटर इस समय 3 रुपये किलो के भाव पर बिक रहा है।
हालांकि यह कीमत देसी टमाटर की है और विलायती टमाटर अब भी 5-6 रुपये में मिल रहा है। मंडी के पदाधिकारियों की मानें तो विलायती टमाटर की कीमतों में इतनी गिरावट बीते कई सालों में दर्ज नहीं की गयी हैं।
थोक कारोबारियों का कहना है कि इस बार पूना और महाराष्ट्र के बाकी शहरों में फसल अच्छी हो गयी है जिसके चलते कम कीमत पर माल की आवक हो रही है। दूसरी ओर समय से पहले तापमान बढ़ने से स्थानीय फसल समय से पहले बाजार में आ गयी है।
सामान्य तौर पर विलायती टमाटर जो कि साल के 12 महीनों पैदा होता उसकी आवक फरवरी से मार्च के बीच अपने चरम पर होती है। देशी टमाटर की फसल बाजार में मार्च के आखिरी सप्ताह से लेकर अप्रैल तक होती है। इस साल देशी टमाटर की फसल की आमद बाजार में फरवरी से ही चालू हो गयी है जिसके चलते कीमतें लगातार गिरती जा रही है।
थोक मंडी के आढ़ती अफजाल के मुताबिक उत्तर प्रदेश के किसानों ने बाद में सही कीमत न मिलने के डर से समय से पहले ही टमाटर की तुड़ाई शुरू कर दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि टमाटर की कीमतों मार्च और अप्रैल आते ठहर जाएंगी।
उनका कहना है कि प्रदेश में टमाटर का कुल उत्पादन इतना ज्यादा नहीं होता है कि वह बाजार भाव पर असर डाल सके। दूसरी ओर टमाटर के कुछ आढ़तियों की शिकायत है कि बीते सालों की तरह इस बार उनका माल कम समय के लिए भी कोल्ड स्टोरों के मालिक रखने को तैयार नहीं हैं।
उनका कहना है कि जो स्टोर मालिक रखने को तैयार हैं वे भी भंडारण शुल्क बहुत ज्यादा मांग रहे हैं। भंडारण शुल्क के रुप में इस बार टमाटर उत्पादकों को 140 रुपये क्विंटल के भाव से पैसे अदा करने पड़ रहे हैं।

First Published - February 16, 2009 | 9:52 PM IST

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