पिछले एक महीने से भी अधिक समय से मंदी की मार झेल रही चीनी की कीमतों में शुक्रवार को वायदा बाजार में कुछ सुधार हुआ।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जिन निवेशकों ने छोटी अवधि के लिए चीनी में निवेश किया था उनके द्वारा बिकवाली से चीनी में मंदी का रुख आया है। दरअसल सॉफ्ट ड्रिंक्स निर्माता और आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियों की चीनी की मांग में कमी आने से पिछले महीने चीनी की कीमतों में 13 फीसदी की कमी आई है।
अप्रैल से अब तक कीमतें 1500-1700 रुपये प्रति क्विंटल से 1300-1600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। एनसीडीईएक्स में चीनी एम 200 की कीमतों में 1 फीसदी का सुधार आया तो चीनी एस 150 की कीमतों में 2 फीसदी का सुधार देखा गया। एम 200 की मई अनुबंध की कीमतों में 0.30 फीसदी का उछाल आया और कीमतें 1356 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं।
जून अनुबंध की कीमतें 0.71 फीसदी बढ़कर 1427 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गईं। सितंबर अनुबंध की कीमतों में 1.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कीमतें 1552 रुपये प्रति क्विंटल पर जा पहुंची। वहीं दूसरी ओर चीनी एस 150 के मई अनुबंध की कीमतों में 2.21 फीसदी बढ़कर 1388 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं।