भारत ने तेल उत्पादक देशों के समूह (ओपेक) से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए तेल उत्पादन को बढ़ाने की मांग की है।
भारत ने कहा कि तेल कीमतों में आई तेजी का असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने 22 जून को प्रस्तावित तेल के प्रमुख उपभोक्ताओं एवं उत्पादकों की बैठक से पूर्व मंगलवार को सऊदी अरब के तेल मंत्री अली अल नियामी को पत्र लिखकर कहा है कि ओपेक देशों को तेल का उत्पादन बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने लिखा है, ‘आपके द्वारा उठाए गए कदम के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं आपसे गुजारिश करुंगा कि आप प्रमुख तेल उत्पादक देशों को अपना तेल उत्पादन बढ़ाने की सलाह दें।’गौरतलब है कि भारत ने इससे पहले पेट्रोल की कीमत में पांच रुपए प्रति लीटर, डीजल में तीन रुपए प्रति लीटर तथा एलपीजी गैस सिलेंडर में पचास रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की थी। देवड़ा ने कहा, ‘पूरी दुनिया तेल की कीमतों में हुई इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी से परेशान है।
तेल की कीमतें वर्ष 2000 में 29 डॉलर प्रति बैरल से जून 2008 में 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई हैं। ‘देवड़ा ने कहा कि सऊदी अरब के तेल मंत्री अल नियामी द्वारा 22 जून की प्रस्तावित बैठक के संबंध में भेजे गए पत्र के जवाब में उन्होंने पत्र लिखा है। उन्होंने बैठक में शिरकत करने के बारे में कुछ नहीं कहा। देवड़ा ने कहा, ‘वर्तमान समय में तेल की बढ़ती कीमतों ने वित्तीय बाजारों में अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।’
देवड़ा ने सऊदी के तेल उत्पादन बढ़ाने और ‘मुख्य रुप से एशियाई देशों को निर्यात किए जाने’ के कदम का स्वागत किया है। एशियाई देशों में अभी तेल की मांग सर्वाधिक है। भारत में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े तेलशोधक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को कहा कि यह जून महीने में सऊदी के अतिरिक्त आपूर्ति के 30 प्रतिशत, 3,00,000 बैरल प्रति दिन की खरीदारी करेगा और जुलाई में भी इसी प्रतिशतता के हिसाब से अतिरिक्त पेशकश खरीदेगा। रिलायंस ने कहा कि 22 जून को होने वाली ओपेक के प्रभावशाली सदस्यों की बैठक के बाद तेल बाजार में अस्थिरता के कम होने का अनुमान है।