मलयेशिया ने दक्षिण भारत में उगाए जाने वाले लोकप्रिय गैर बासमती चावल पोन्नी का ट्रेडमार्क अधिकार एक स्थानीय कंपनी को प्रदान किया है।
इस तरह एक बार फिर 1997 में अमेरिका द्वारा राइस टेक को बासमती का पेटेंट जारी करने जैसा मामला सामने आया है। एक कंपनी स्यारिकात फैजा ने मलयेशियाई ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत इसका पंजीकरण कराया है और अन्य आयतकों को नोटिस भेजा कि वे अपने उत्पाद को समझाने के लिए पोन्नी शब्द का प्रयोग न करें।
मलयेशिया की ही एक आयातक फर्म ने फैजा को ट्रेडमार्क दिए जाने का विरोध किया जिसके बाद ट्रेडमार्क विभाग ने पोन्नी का पंजीकरण रद्द करने का आश्वासन दिया। लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है। इस पंजीकरण का विरोध करने वाली फर्म के वकील राजशेखरन त्यागराजन ने बताया कि पोन्नी नाम का किसी के द्वारा पंजीकरण कराना अनुचित है।
यह ठीक उसी तरह की बात है जब एक अमेरिकी फर्म ने बासमती का पंजीकरण कराया था। उन्होंने कहा कि यह चावल तो भारत में पैदा किया जाता है और कोई कैसे इसका पंजीकरण मलयेशिया में करवा सकता है। पोन्नी चावल गैर बासमती श्रेणी का है और मलयेशिया में रह रहे भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसका ट्रेडमार्क जारी करना संभव नहीं है क्योंकि इसे तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने 1986 में इसका विकास किया था।