भाई-बहन का त्योहार रक्षा बंधन ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है, राखी का बाजार रंगीन होता जा रहा है। जमाना बदलने के साथ-साथ रक्षा बंधन मनाने का तरीका भी हाईटेक होता जा रहा है।
बड़े शहरों की दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास इतना वक्त नहीं होता कि वे इन खरीदारी पर अपना समय जाया करें। इस लिहाज से ऑनलाइन राखी शॉपिंग का भी प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। ऐसी सैकड़ों वेबसाइट हैं, जिसके जरिये राखी को एक जगह से दूसरे जगह आसानी से भेजा जा सकता है।
मात्र 2 डॉलर का भुगतान करने पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट राखीजऑनलाइन डॉट कॉम पर रक्षा कवच, मिठाइयां और तिलक भेजने की व्यवस्था की जाती है। कुछ ऐसी भी साइट हैं, जिनके माध्यम से मात्र 90 रुपये खर्च कर राखी, पूजा थाली, फ्री कार्ड, तिलक, राखी का धागा और चॉकलेट भेजने का इंतजाम किया गया है। स्थिति यह हो गई है कि इन साइट को ज्यों ही आप लॉग इन करते हैं, आपको रंग-बिरंगी राखियों को पुलिंदा नजर आता है और ऐसा लगता है कि राखी का बाजार आपसे बस एक क्लिक की दूरी पर है।
इंडिया गिफ्ट बाजार डॉट कॉम के सीईओ पर्सी कासड ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि राखी की ऑनलाइन शॉपिंग का प्रचलन इसलिए बढ़ रहा है,क्योंकि यह काफी सुविधाजनक है। अगर भाई बहन काफी दूर रहते हैं और एक दूसरे से इस अवसर पर मिल पाना मुश्किल हो, तो ऑनलाइन गिफ्ट और राखी भेजकर उस कमी को पूरा किया जा सकता है। यह पूछे जाने पर कि राखियों और उपहारों को पहुंचाने की व्यवस्था कैसी है, उन्होंने बताया कि यह ग्राहकों की मांग पर निर्भर करता है।
अगर ग्राहक यह कहे कि मुझे इस तारीख पर डिलिवरी चाहिए, तो हम उसे उक्त तिथि पर पहुंचाने की पूरी कोशिश करते हैं। वैसे हमारी सारी गिफ्टों को एयर मेल के द्वारा भेजा जाता है। भारत के किसी भी कोने में हम दो-तीन दिनों के भीतर इन गिफ्टों को पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं। कासड कहते हैं कि राखियों और उपहारों की ऑनलाइन शॉपिंग से दुकानों पर बिकनेवाली राखियों के बाजार पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है। दरअसल ऑनलाइन शॉपिंग को वहीं लोग प्राथमिकता देते हैं, जो शारीरिक रूप से अपनी उपस्थिति करवा पाने में सक्षम नहीं होते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में 80 से लेकर 5000 रुपये तक की राखियों और गिफ्ट वाउचर की व्यवस्था है। आजकल डिजाइनर राखियों का भी प्रचलन बढ़ता जा रहा है। क्वालिटी और गिफ्ट के परिमाण के मुताबिक उसकी कीमत तय की जाती है। सदर बाजार में राखी के थोक विक्रेता राशिद आलम ने कहा कि ऑनलाइन राखी के शॉपिंग से उनके बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा है। उधर, सदर बाजार, खान मार्केट, जनकपुरी, कश्मीरी गेट तो रंग-बिरंगी राखियों से पट गया है।
दिल्ली के दरीबाकलां में राखियों का कारोबार करने वाले मोहम्मद नाजिम का कहना है कि इस वर्ष राखी की मांग में लगभग 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। मंहगाई बढ़ने के कारण त्योहार का जोश फीका न पड़ जाए इसलिए राखियों की कीमतें को आम आदमी की जेब देखते हुए रखा है। बाजार में 1 रुपये से लेकर 300 रुपये तक की राखियां उपलब्ध है। राखियों के थोक विक्रेता राजतिवारी बताते है कि बाजार में ब्रेसलेट,धागा,स्टाइलिश गैजेट राखियों ,मोती वाली राखियों के अलावा चीन की राखियों की भी अच्छी खासी मांग है।
पिछले कुछ वर्षो में चीनी राखियों ने घरेलू राखियों के बाजार का लगभग 30 से 35 फीसदी अपने हिस्से में कर लिया है। तिवारी बताते है कि चीनी राखियों के बाजार में बढ़ोतरी होने का कारण इनका आकर्षक होने के साथ कीमत में सस्ता होना है। बाजार के आंकड़ों को देखें तो आने वाले 20 दिनों के भीतर ही दिल्ली भर में राखियों का कारोबार 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। बाजार में सोने और चांदी की राखियों की मांग बहुत ज्यादा है। चांदी की राखियां 150 रुपये से 2000 रुपये की कीमतों में आसानी से उपलब्ध है।
यही नहीं 2 से 3 ग्राम वाली सोने की राखियां भी 4 से 5 हजार रुपये की कीमत में आसानी से मिल रही है। दरीबाकलां के सोने-चांदी के कारोबारियों का कहना है कि हमने विशेष मांगों को देखते हुए सोने चांदी की
विशेष राखियों की बुकिंग का इंतजाम भी किया है। शंभुनाथ ज्वैलर्स के अजीत बताते है कि लोग ऐसी राखियों को खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं, क्योंकि इस तरह से बहन अपने भाई को सोना दे रही है जिसकी कीमत आने वाले समय में बढ़नी ही है।