facebookmetapixel
रेट कट का असर! बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में ताबड़तोड़ खरीदारीTest Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासा

शुगर स्टॉक में बढ़ा निवेशकों का भरोसा

Last Updated- December 05, 2022 | 11:40 PM IST

गन्ना पेराई के आगामी मौसम में इस उद्योग को पुनर्जीवित करने की संभावनाओं को देखते हुए संस्थागत निवेशक चीनी से जुड़ी बड़ी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।


जिन कंपनियों की ओर निवेशकों का रुझान अधिक नजर आ रहा है उनमें बजाज हिन्दुस्तान, बलरामपुर चीनी व त्रिवेणी इंजीनियरिंग शाामिल हैं। इन निवेशकों में म्युचल फंड्स, बैंक, इश्योरेंस कंपनियां व विदेशी संस्थागत निवेशक शामिल है। इस साल चीनी का उत्पादन गिरावट के साथ 250-260 लाख टन होने की संभावना है।


पिछले साल चीनी का उत्पादन 284  लाख टन हुआ था। वही इस बात की उम्मीद की जा रही है कि अगले साल चीनी का उत्पादन 210-220 लाख टन के आसपास रहेगा।


माना जा रहा है कि इस साल कम जमीन पर गन्ने की खेती की जा रही है। इसलिए चीनी का उत्पादन कम होने की आशंका है।गत अक्तूबर महीने में गन्ने की पेराई के बाद ही चीनी के मूल्य में बढ़ोतरी शुरू हो गयी थी। उत्तर प्रदेश में चीनी की फैक्ट्री कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल बतायी जा रही है। अक्तूबर महीने से लेकर अबतक इसकी कीमत में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।


 अगर चीनी के उत्पादन में और कमी आती है तो इससे चीनी के मूल्य को और मजबूती मिलेगी। गन्ने के भुगतान में होने वाली देरी या फिर इससे होने वाले नुकसान से किसान इस साल गन्ने की खेती कम जमीन पर कर रहे है।


यह भी कहा जा रहा है कि धान व गेहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के कारण किसानों का रुझान गन्ने की जगह धान व गेहूं की खेती की ओर नजर आ रहा है। गत साल मिल मालिक गन्ने के बदले होने वाले भुगतान में काफी देरी कर दी थी। ऐसा इसलिए हुआ था कि गन्ने की कीमत काफी ऊंची थी जबकि चीनी की कीमत कम थी।


फिलहाल पेट्रोल में 5 फीसदी एथनॉल मिलाया जाता है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस साल अक्तूबर महीने से इसकी मात्रा बढ़ाकर 10 फीसदी कर दी जाएगी। इससे कंपनियों को स्थायी आय होगी। अगर पेट्रोल में 10 फीसदी एथनॉल मिलाये जाने से इसकी मांग दोगुनी हो जाएगी। और यह बढ़कर 1200 मिलियन हो जाएगी।


पिछले दो सालों से चीनी उद्योग में गिरावट का दौर चल रहा है और इस बात की पूरी उम्मीद की जा रही है कि अब इसका ग्राफ ऊपर की ओर जाएगा। और अगर ऐसा होता है कि तो भविष्य में इन निवेशकों को अच्छी आमदनी हो सकती है। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के विश्लेषक विक्रम सूर्यवंशी कहते हैं, एथनॉल मिलाने के इस कार्यक्रम से लोगों में इसके प्रति रूचि जग रही है।


वर्ष 2007-08 के दौरान उत्तर प्रदेश के मिल किसानों को प्रति क्विंटल गन्ने के लिए 110 रुपये का भुगतान कर रहे थे। जबकि राज्य से निर्धारित मूल्य 125-130 रुपये प्रति क्विंटल है। चीनी कंपनी के शेयर मूल्यों में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है।


बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में बजाज हिन्दुस्तान के शेयर मूल्य में पिछले महीने के मूल्य के मुकाबले 25. 64 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। बलरामपुर व त्रिवेणी के शेयर मूल्यों में भी मजबूती दर्ज की गयी है। बलरामपुर की शेयर कीमत में जहां 31 फीसदी की मजबूती आयी है वही त्रिवेणी में 19.43 फीसदी की। लगातार चार-पांच तिमाही से हो रहे घाटे के बाद कंपनी को अब इससे फायदे की उम्मीद है।

First Published - April 23, 2008 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट