कीमत कम करने के लिए इस्पात कंपनियों के राजी होने के बाद सरकार ने संकेत दिया है कि वह इस्पात के निर्यात पर हाल में ही लगायी गयी लेवी में कटौती करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
केंद्रीय इस्पात सचिव राघव शरण पाण्डेय ने मंगलवार को नई दिल्ली में यह संकेत दिए। इस्पात सचिव पाण्डेय ने बताया कि अंतर-मंत्रालयी समिति के इस मामले में शामिल होने के बावजूद हम लेवी में कटौती के निर्णय को जल्द से जल्द लेने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल यह मामला विचाराधीन है और उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द ही कोई फैसला ले लिया जाएगा। पाण्डेय ने कहा कि छोटे इस्पात निर्माताओं से इसकी कीमत समेत विभिन्न मसलों पर बातचीत के लिए कल यानी बुधवार को एक बैठक बुलायी गयी है। उन्होंने एक रपट में छपे इस तथ्य से इनकार किया कि सरकार ने कुछ इस्पात कंपनियों को कीमतों का स्पष्ट खुलासा न करने के लिए नोटिस जारी किया है।
उनके मुताबिक, यह जरूर है कि कंपनियों से इस्पात की कीमत में की गई कटौती को उसकी वेबसाइट पर प्रकाशित करने को कहा गया है। देश की तीसरी बड़ी इस्पात निर्माता एस्सार स्टील होल्डिंग्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे. मेहरा ने बताया कि पिछले हफ्ते इस्पात निर्माताओं ने प्रधान मंत्री से मिलकर सरकार से गुहार लगायी थी कि वह इस्पात पर लगने वाली लेवी में कटौती करे।
इसके बदले में ये कंपनियां इसकी कीमत में 10 फीसदी तक की कटौती करने पर राजी हो गयीं थी। मेहरा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार लेवी के मामले पर विचार करेगी और इसमें कटौती करेगी। उनके अनुसार, इस्पात की कीमत में कमी और उस पर निर्यात कर थोपना हमारे लिए दोहरा नुकसान होगा।
पिछले 42 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई दर पर अंकुश लगाने के सरकार के काफी प्रयासों के बाद इस्पात कंपनियां पिछले दिनों इसकी कीमत में कमी लाने पर राजी हो गईं थी। इससे पहले घरेलू मांग बढ़ाने की कोशिशों के तहत सरकार ने इस महीने की 10 तारीख को इस्पात और हॉट रोल्ड कॉयल्स की ढुलाई पर लेवी लगा दिया था।
देश की दूसरी बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी सेल के अध्यक्ष एस. के. रूंगटा ने 7 मई को कहा था कि कंपनियां इस्पात की कीमत में 4 हजार रुपये प्रति टन और सरिया और छड़ में 2 हजार रुपये प्रति टन तक की कमी करने को राजी हो गयी हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि इस्पात कंपनियां अगले दो से तीन महीने तक इसकी कीमत में कोई वृद्धि नहीं करेगी।
टाटा स्टील ने सोमवार को आश्वस्त किया था कि निर्यात शुल्क की अधिसूचना जारी होने के बावजूद वह इसकी कीमत में अगले दो-तीन महीनों तक कोई बढ़ोतरी नहीं करेगी। इस बीच इस्पात कंपनियों और सरकार की काफी कोशिशों के बावजूद पिछले हफ्ते महंगाई की जारी आंकड़े में लोहे और इस्पात की कीमत में 0.1 फीसदी की कमी आई है। कंपनियों द्वारा उठाए गए कदमों का असर आगे दिखने की उम्मीद है। इस्पात की कीमत में बढ़ोतरी होने की वजह लागत में होने वाली वृद्धि है।