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यूपी में मौसम की बेरुखी से ‘खास’ बन गया आम

Last Updated- December 07, 2022 | 4:42 AM IST

दशहरी पर आंधी और मौसम के कहर के बाद आम अब खास बन चुका है। बेसमय की बारिश और लगातार आंधी के बाद आम की कीमतों में भारी उछाल आया है।


लखनऊ के फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद में दशहरी आम इस साल 35 से 40 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है जो कि बीते पांच सालों का सर्वाधिक रेट है। आंधी के बाद फसल की बड़े पैमाने पर हुयी बर्बादी के बाद वैसे ही आम की फसल इस साल बाजार में 15 दिन की देरी से आई है।

आम उत्पादकों का कहना है कि जून के पहले सप्ताह मे तापमान में आई गिरावट के चलते फसल अब तक पूरी तरह से पक नहीं पायी है जिसके चलते भी फसल के बाजार में आने में समय लगा है। दशहरी आम का सबसे बड़ा हिस्सा मलिहाबाद से मुंबई जाता है। फल विक्रेता गणेश यादव के मुताबिक सामान्य मौसम होने पर अब तक 30 ट्रक आम मुंबई को भेजा जा चुका होता है पर इस साल अभी तक केवल दो ट्रक आम ही भेजा गया है।

अभी भी बाजार में आम के चाहने वालों को डाल की पका हुआ दशहरी नसीब नहीं हो पाया है। बाजार मे पाल का आम बिक रहा है वह भी 35 से 40 रुपये प्रति किलो की दर पर। थोक माल बेचने वालों को भी दशहरी की पेटी 270 रुपये में मिल रही है जो कि पिछले साल के मुकाबले दोगुनी है।

फल उत्पादकों का कहना है कि इस साल आंधी के बाद दशहरी को हुए बड़े पैमाने पर नुकसान के बाद आम की कुल पैदावार पर असर पड़ा है। सीजन से ठीक पहले आयी आंधी में दशहरी की 25 से 30 फीसदी फसल चौपट हो गयी है साथ ही चौसा की आमद ठीक मात्रा में न होने से आम की कीमतों में उछाल आना स्वाभाविक है। सामान्य तौर पर प्रदेश की मंडियों में दशहरी की आमद 15 मई से शुरुआत होकर 15 जुलाई तक होती है।

चौसा की फसल की आमद जून से शुरू होकर जुलाई के आखिर तक होती है। जुलाई में ही सबसे आखिर में सफेदा और कपूरी आम बाजार में आता है। दशहरी के लिए मशहूर फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद आदि जगहों से अभी तक पके आम की आमद शुरू नहीं हुयी है।

First Published - June 9, 2008 | 11:42 PM IST

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