नैशनल कमोडिटी ऐंड डैरिवेटिव्स एक्सचेंज में बुधवार को शुरुआती वायदा कारोबार के दौरान मसालों की कीमत में तेजी देखी गई।
इसकी वजह कारोबार में पिछले दिनों आई गिरावट के दौर के खत्म होने के संकेत के मद्देनजर कारोबारियों द्वारा की गई खरीदारी है। काली मिर्च, लाल मिर्च और हल्दी में शॉर्ट कवरिंग और नई खरीदारियों से मजबूती आई तथा इनका कारोबार अधिक मूल्यों पर किया गया।
जबकि जीरा के वायदा कारोबार में दिशाहीनता के कारण मिला-जुला रुख देखा गया। दोपहर 12.30 बजे काली मिर्च की जून डिलिवरी में 35 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई और इसका कारोबार 14,270 रुपये प्रति क्विंटल पर किया गया। जुलाई के सौदे में भी 22 रुपये की बढ़त देखी गई और इसका कारोबार 14,530 रुपये प्रति क्विंटल पर किया गया।
जुलाई डिलिवरी के कारोबार की मात्रा 268 टन थी। मालूम हो कि 14 जून तक काली मिर्च का भंडार 6,861 टन था जबकि और 76 टन के आने की उम्मीद थी। इस बीच लाल मिर्च के वायदा कारोबार में भी मजबूती देखी गई और शॉर्ट कवरिंग के बीच इसमें थोड़ी तेजी आई। आंध्र प्रदेश के गुंटुर में सीमित आपूर्ति के बीच कारोबारी धारणाओं में भी सुधार हुआ।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने आग से होने वाले घाटे की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए कारोबारी हड़ताल पर चले गए थे। दोपहर में लाल मिर्च के जून सौदे का मूल्य 26 रुपये बढ़कर 5,022 रुपये प्रति क्विंटल हो गया जबकि कारोबार की मात्रा 90 टन थी। अगस्त के सौदे में भी 10 रुपये की तेजी देखी गई और इसका कारोबार 5,415 रुपये प्रति क्विंटल पर किया गया जबकि 69 टन का कारोबार किया गया।
हल्दी के जुलाई सौदे में 10 रुपये की मजबूती आई और इसका कारोबार 4,067 रुपये प्रति क्विंटल पर किया गया। इसकी कारोबार की मात्रा 156 टन थी। अगस्त के सौदे में 23 रुपये की बढ़ोतरी हुई और इसका कारोबार 4,316 रुपये प्रति क्विंटल पर किया जा रहा था। अगस्त सौदे के कारोबार की मात्रा बढ़ कर 4,092 टन हो गई। 14 जून को नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवैटिव्स एक्सचेंज के भंडारगृहों में 1,531 टन हल्दी का डीमैट भंडार था जबकि और 90 टन आने की प्रक्रिया में था।
जीरा के सौदों में तो मिला-जुला रुख देखने को मिला। इसकी कीमतों में घट-बढ़ देखी जा रही थी। दोपहर के 12.30 बजे जीरा के जुलाई करार में 10 रुपये की वृध्दि देखी गई और इसका कारोबार 11,980 रुपये प्रति क्विंटल पर किया जा रहा था जबकि कारोबार की मात्रा 1,025 टन थी। सितंबर के सौदे में 10 रुपये की गिरावट देखी गई और इसका कारोबार 12,472 रुपये प्रति क्विंटल पर गया। कारोबार की मात्रा 2,515 टन थी।