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एमसीएक्स में बिजली वायदा शुरू

Last Updated- December 09, 2022 | 9:03 PM IST

भारतीय एनर्जी एक्सचेंज बिजली का वायदा कारोबार शुरू करने के लिए वायदा बाजार आयोग की अनुमति की बाट जोहता रहा, लेकिन बाजी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के हाथ लग गई।


शुक्रवार को एमसीएक्स ने साप्ताहिक के साथ-साथ फरवरी और मार्च का अनुबंध लॉन्च किया।

यह देश का पहला ऐसा एक्सचेंज है, जहां बिजली का वायदा कारोबार शुरू हुआ है। इस तरह भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां बिजली वायदा कारोबार के लिए प्लैटफॉर्म उपलब्ध है।

विश्व में स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ऐसे प्लैटफॉर्म मौजूद हैं। एमसीएक्स में पहला कारोबार मार्च माह के अनुबंध में हुआ जिसमें 7300 रुपये प्रति मेगावॉट आवर्स की दर पर सौदे हुए।

एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ जोसेफ मैसी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां ऊर्जा क्षेत्र में वायदा कारोबार होता है।

उन्होंने  कहा कि अब पूरा उद्योग एमसीएक्स के प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल कर कच्चे माल और उत्पादन से संबंधित भावों के जोखिम का इंतजाम कर सकता है। ऊर्जा के मामले में एमसीएक्स की बाजार हिस्सेदारी करीब 98 फीसदी है।

शुक्रवार को अन्य सदस्यों के साथ इंटर स्टेट जेनरेटिंग स्टेशन, डिस्ट्रिब्यूशन से जुड़ी संस्था, स्टेट जेनरेटिंग स्टेशन आदि ने बिजली के वायदा कारोबार में हिस्सा लिया और अपने जोखिम को कम करने की कोशिश की। ये संस्थान अनिश्चित मांग व आपूर्ति और कीमत में उतार-चढ़ाव का सामना करते रहते हैं।

साल 2007-08 में बिजली उत्पादन का सालाना बाजार 2 लाख करोड़ रुपये का था, जो तीन हजार रुपये प्रति मेगावॉट आवर्स की दर से 66.5 करोड़ रुपये का बैठता है।

बिजली का वर्तमान बाजार सालाना 4-5 फीसदी की दर से बढ़ रहा है यानी यह सालाना 13500 करोड़ रुपये की दर से बढ़ रहा है जो करीब 30 अरब यूनिट का बैठता है।

एमसीएक्स के प्लैटफॉर्म पर कारोबार सुबह 10 बजे से रात में 11.55 तक (सोमवार से शुक्रवार) किया जा सकेगा। शनिवार को 10 बजे से 2 बजे तक कारोबार होगा। कारोबार का यूनिट है एक मेगावॉट प्रति आवर्स और टिक साइज है एक रुपये प्रति मेगावॉट।

इसका मतलब ये हुआ कि कीमतों में उतार-चढ़ाव एक रुपये या इसकेगुणक में हो सकेगा। खरीदार और बिक्रेता दोनों के लिए इसकी डिलिवरी वैकल्पिक रखी गई है यानी वे चाहें तो डिलिवरी लें और न चाहें तो सेटलमेंट कर लें। हर समय आठ साप्ताहिक अनुबंध और चार मासिक अनुबंध कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे।

First Published - January 9, 2009 | 9:37 PM IST

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