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म्यांमार से दाल आयात पर नरगिस का साया

Last Updated- December 06, 2022 | 10:41 PM IST

म्यांमार में आए ‘नरगिस’ नाम के तूफान से भारत में दालों का आयात प्रभावित हो सकता है।


म्यांमार भारत को दालों के निर्यात करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। तूफान के बाद म्यांमार से उड़द और तुअर का आयात प्रभावित हो सकता है। गौरतलब है कि भारत 15 लाख टन दालों का आयात करता है, जिसमें से पचास फीसदी केवल म्यांमार से ही होता है।


दाल आयातक असोसिएशन के अध्यक्ष के. सी. भारतीय कहते हैं कि इस तूफान की वजह से दाल के लदान में एक महीने की देरी हो सकती है। उनका यह भी कहना है कि तूफान की वजह से तकरीबन 50,000 टन दाल का लदान अधर में लटका हुआ है। वैसे इस देरी ने भारत में कीमतों को बहुत अधिक प्रभावित नहीं किया है। हालांकि उनका कहना है कि आने वाले दिनों में जरूर कीमतें बढ़ सकती हैं। इस साल देश में रबी की फसल के दौरान दालों के उत्पादन में 6.4 फीसदी की कमी आई है।


‘नरगिस’ की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। म्यांमार हर साल 5,00,000 टन चावल का निर्यात करता है। वैसे भारत, म्यांमार से चावल नहीं खरीदता है। इसकी वजह से न केवल निजी कारोबारियों की खरीद में नुकसान होगा बल्कि सरकारी एजेंसियां भी प्रभावित होंगी।


नैफेड को 20,000 टन उड़द आयात करना है, लेकिन इस तूफान के बाद अब इसके लदान में देरी हो रही है। दालों के उत्पादन में कमी की वजह से भारत की आयात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। ताजा आर्थिक सर्वे के अनुसार देश में दाल के प्रति व्यक्ति उपभोग में भी कमी आती जा रही है।

First Published - May 9, 2008 | 11:06 PM IST

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