नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवैटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) कारोबार बढ़ाने की अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे रहा है।
इसके तहत नए उत्पादों को उतारना और अन्य कारोबार की संभावनाएं तलाश करना शामिल है। एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. रामासेशन ने यहां कहा कि हमने पहले ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है ।
उनके मुताबिक, कई कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार पर रोक लगने के चलते पिछले 6 महीनों में एनसीडीईएक्स का दैनिक कारोबार 4 हजार करोड़ से घटकर 2 हजार करोड़ रुपये रह गया है।
उनके अनुसार एनसीडीईएक्स कारोबार को बढ़ाने के लिए कुछ निश्चित विकल्पों पर विचार कर रही है और इस कड़ी में वह कुछ नए उत्पाद पेश कर सकता है। एक्सचेंज का पूरा फोकस कृषि और गैर कृषि उत्पादों पर होगा। रामासेशन ने कहा कि आज हम पर काफी दबाव है, लेकिन हमने ढांचागत सुविधाएं स्थापित करने के लिए काफी प्रयास किए हैं।
कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध का असर कम करने के लिए हम अन्य कारोबारी उपायों पर विचार करेंगे। जिंस कारोबार को इक्विटी बाजार से बड़ा मानते हुए उन्होंने कहा कि जिंस बाजार के पास पर्याप्त क्षमता है कि वह ऐसे रुकावटों से पार पा जाए। उन्होंने कुछ कृषि और गैर-कृषि जिंस उत्पादों में संभावनाओं की तलाश किए जाने की बात की पर इन उत्पादों की पहचान जाहिर करने से मना कर दिया।
चार कृषि जिंसों के कारोबार पर लगे रोक को बड़ा धक्का मानते हुए उन्होंने कहा कि चना और सोया तेल हमारे कुल टर्नओवर का 20 फीसदी है। हालांकि रबर और आलू का वायदा कारोबार उतना महत्वपूर्ण नहीं है। रामाशेषण मानते हैं कि इस प्रतिबंध का कारोबार के परिमाण और कुल कारोबार पर क्या असर होगा, तात्कालिक तौर पर यही उनके लिए विचार का मुद्दा है। वे उम्मीद जताते हैं कि यह प्रतिबंध केवल 4 महीने तक ही प्रभावी रहेगा और सितंबर के बाद यह अपने आप खत्म हो जाएगा।