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कोयला वायदा शुरू करेगा एनसीडीईएक्स

Last Updated- December 07, 2022 | 4:02 PM IST

बिजली उत्पादन के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल होने कोयले पर अब वायदा कारोबारियों की नजरें टिक गयी हैं।


देश का दूसरा सबसे बड़ा जिंस एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) अपने कारोबार में बढ़ोतरी के लिए कोयले का वायदा कारोबार शुरू करने की तैयारी कर रहा है। एक्सचेंज ने वायदा आयोग के पास इसके लिए आवेदन भी कर दिया है। उम्मीद है जल्द ही इस कारोबार के लिए हरी झंडी भी मिल जाएगी।

एनसीडीईएक्स के सूत्रों के मुताबिक कंपनी को सिर्फ वायदा नियंत्रक आयोग से मंजूरी मिलने का इंतजार है। कोयले के वायदा के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गयी है। फिलहाल नागपुर व सूरत में इसके  लिए डिलिवरी सेंटर बनाए जाएंगे। एक्सचेंज के अधिकारियों के मुताबिक कोयले के वायदा शुरू होने से सबसे अधिक फायदा असली उपभोक्ताओं को होगा।

सूत्रों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले के भाव में पिछले आठ सालों में चार गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। वर्ष 2000 में कोयले की कीमत जहां प्रति शार्ट टन 30 डॉलर थी वह जून, 2008 में 123.50 डॉलर प्रति शार्ट टन के स्तर पर देखी गयी। अमेरिका में कोयले का वायदा कारोबार न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में होता है।

एनसीडीईएक्स के अधिकारियों का कहना है कि कोयले के उत्पादकों के साथ बिजली उत्पादकों को भी हेजिंग का एक प्लेटफार्म मिल जाएगा। जानकारी के मुताबिक विश्व में सालाना 6.2 बिलियन टन कोयले की खपत होती है और इनमें से 75 फीसदी का इस्तेमाल बिजली के उत्पादन के लिए किया जाता है।

वर्ष, 2006 में विश्व में कोयले का उत्पादन 6.19 अरब टन रहा। इस दौरान भारत में 44.73 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया गया। एनसीडीईएक्स को उम्मीद है कि कोयले के वायदा शुरू होने से उनके कुल कारोबार में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी।

वायदा बाजार के अन्य सूत्रों का कहना है कि इन दिनों मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज व एनसीडीईएक्स दोनों के बीच नये-नये जिंसों के वायदा को शुरू करने की होड़ लगी हुई है। पिछले महीने एमसीएक्स ने एनर्जी एक्सचेंज की शुरुआत की। उसके बाद धनिया का वायदा शुरू हुआ। अब एनसीडीईएक्स भी धनिया का वायदा शुरू कर रहा है।

सूत्रों का कहना है कि धनिया के वायदा कारोबार के लिए वायदा नियंत्रक आयोग के पास एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स दोनों ने लगभग एक साथ ही आवेदन किए थे। लेकिन आयोग की तरफ से एमसीएक्स को इसकी इजाजत पहले दे दी गयी।

एनसीडीईएक्स को इस बात का भी मलाल है। सूत्रों का यह भी कहना है कि एमसीएक्स हो या फिर एनसीडीईएक्स दोनों ही इन दिनों उस प्रकार के जिंसों के बाजार को खंगालने में लगी है जिसकी तस्वीर महंगाई बढ़ने पर आम उपभोक्ताओं के जेहन में एकदम से नहीं आती है।

First Published - August 8, 2008 | 11:20 PM IST

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