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धान किसानों को बोनस मिलना तय

Last Updated- December 08, 2022 | 6:40 AM IST

छत्तीसगढ़ के चावल किसान भी राज्य में हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम जानने के लिए उत्सुक नजर आ रहें है।


इसका कारण साफ यह है कि राज्य की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने धान किसानों के लिए अतिरिक्त बोनस की घोषणा कर रखी है।

गौरतलब है कि कम वर्षा होने के कारण धान को बेचने के लिए किसान को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के पास नहीं आ रहे थे।

ऐसे में राज्य में धान की खरीद को बढ़ाने के लिए दोनों ही पार्टियों ने चावल किसानों को सत्ता में आने पर अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। बोनस के तौर पर भाजपा ने चावल किसानों को 270 रुपये और कांग्रेस ने 250 रुपये देने की घोषणा की है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में धान की सरकारी खरीद 20 अक्टूबर से शुरू हो गई थी। लेकिन इस साल को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में धान की सरकारी खरीद लक्ष्य से काफी कम नजर आ रही थी।

धान बेचने के लिए किसानों की संख्या में कमी आते देख सरकार ने भी धान खरीद का लक्ष्य पिछले साल के 40 लाख टन की अपेक्षा 35 लाख टन कर दिया था।


लेकिन राजनैतिक पार्टियों द्वारा की गई धोषणा के बाद राज्य की को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में धान की सरकारी खरीद में बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है।

दूसरी तरफ राज्य में मतदान प्रक्रिया भी दो चरणो में 20 नवंबर को पूरी हो गई है। जबकि वोटो की गिनती 8 दिंसबर को शुरु होगी।

सरकार ने इस साल किसानों को सामान्य किस्म के धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 850 रुपये और अच्छी किस्म के लिए 880 रुपये तय किया है।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस समय अगर किसान मंडियों में जाकर धान को बेचते है तो सरकार द्वारा दिये जाने वाले बोनस को वह प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

ऐसे में किसानों के लिए जरूरी हो गया है कि वे चुनाव के परिणाम आने तक मंडियों में जाकर धान की बिकवाली न करें। को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के एक अधिकारी के अनुसार 28 नवंबर तक राज्य की 1577 को-ऑपरेटिव में 9,89,745 टन धान की खरीद हो चुकी है।

First Published - December 1, 2008 | 10:19 PM IST

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