कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 25,000 करोड़ रुपये के एक विशेष पैकेज के बारे में गंभीरता से सोच रही है।
पवार ने पिछले महीने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक मे यह बात कही थी। इस बैठक में राज्यों से इस विशाल फंड को खर्चने के लिए वरीयता सूची तैयार करने को भी कहा गया था। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार इस फंड को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के जरिए आवंटित करेगी।
उन्होंने बताया कि तयशुदा मानदंडों के आधार पर राज्यों को इसमें से राशि दी जाएगी। राज्यों के कृषि बजट की भी इसमें खास भूमिका रहेगी। इसके जरिए राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति बनाई जाएगी, जो कृषि के विकास के लिए राज्य और जिला स्तर पर योजनाएं बनाएगी। किसी राज्य में असिंचित क्षेत्र और सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान भी फंड आवंटन में मायने रखेगा।
यदि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो कृषि क्षेत्र के लिए यह संजीवनी सिद्ध हो सकता है। खासकर पजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के लिए तो यह बहुत ही फायदेमंद साबित होगा, जहां पिछले पांच सालों में खेती में लागत अधिक अधिक आ रही, जो आखिर में किसानों के मुनाफे पर ही कैंची चलाती है। और यहां जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम होती जा रही है। ऐसे में किसानो को पूंजी चाहिए, ताकि वे संसाधनों का पूरा लाभ उठा सकें।