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गुजरात में बंपर फसल के बावजूद कीमतें समर्थन मूल्य से ज्यादा

Last Updated- December 08, 2022 | 2:40 AM IST

कच्चे कपास की कीमतें अभी भी गुजरात में 2,850 रुपये प्रति गांठ के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक चल रही है।


इस साल बंपर फसल होने की संभावनाओं के बावजूद कीमतों में इस तरह की बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के एक अधिकारी ने बताया, ‘शंकर-6 किस्म के कपास की कीमतें सौराष्ट्र क्षेत्र में अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक हैं। यहां एस-6 किस्म की कीमतें 2,950 रुपये से 3,000 रुपये प्रति गांठ के बीच है।’

उन्होंने कहा, ‘सीसीआई ने अहमदाबाद के 18 केंद्रों के माध्यम से 20 अक्टूबर से कपास की खरीदारी शुरू की थी और कल से राजकोट क्षेत्र के तीन केंद्रों से खरीदारी करनी शुरू की है। भारतीय कपास निगम ने अभी तक एमएसपी पर कच्चे कपास के 3,650 गांठों की खरीदारी की है।’

एक गांठ 170 किलो के बराबर होता है। सीसीआई के अधिकारियों के मुताबिक कीमतों में तेजी की प्रमुख वजह कपास के आवक में विलंब होना है और उनका अनुमान है कि अगले हफ्ते तक परिस्थितियों में सुधार होगा।

उनका कहना था, ‘त्योहारों के कारण कपास की आवक धीमी रही। एस-6 किस्म की दैनक आवक 18,000 से 20,000 गांठ रही जबकि अनुमान था कि दिवाली के बाद दैनिक आवक 30,000 से 40,000 गांठों की होगी।’ साल 2008-09 में सीसीआई गुजरात से 6 से 7 लाख गांठ कपास की खरीदारी का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले वर्ष की अवधि में 1.25 लाख गांठों की खरीदारी की गई थी।

गुजरात स्टेट को-ऑपरेटिव कॉटन फेडरेशन (जीएससीसीएफ) के अध्यक्ष एन एम शर्मा ने कहा, ‘बाजार में कपास की कीमतें अधिक होने से कपास से बीजों को हटाने वालों (गिन्नर) और मिल मालिकों के अनिश्चितता की दशा उत्पन्न हो गई है। वर्तमान बाजार परिस्थितियों में गिन्नर को प्रति कैंडी कच्चे कपास से बीज हटाने में 1,500 रुपये का घाटा हो रहा है और इस वजह से वे भविष्य के सौदों को लेकर अनिश्चितता की दशा में में।’

शर्मा ने कहा, ‘कच्चे कपास की कीमतों में हाने वाले उतार-चढ़ावों के कम हो सकती है अगर सरकारी एजेंसियों द्वारा बाजार से खुल कर खरीदारी करने की शुरुआत एक बार हो जाए।’ उन्होंने कहा, ‘कपास की प्रति कैंडी कीमतें बाजार में 23,200 रुपये से 23,500 रुपये है जबकि कच्चे कपास से बीजों को हटाने के बाद गिन्नर के लिए यह 24,500 रुपये से 25,000 रुपये प्रति कैंडी पड़ता है।’ एक कैंडी में 2.1 गांठ होते हैं।

सरकार ने सीसीआई और राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) को इस वर्ष कच्चे कपास की खरीदारी के लिए नियुक्त किया है। अध्यक्ष ने बताया, ‘एक तरफ जहां सीसीआई खरीद शुरू कर चुकी है वहीं नैफेड को कृषि मंत्रालय से कपास की खरीद शुरू करने के संकेतों का इंतजार है।’

First Published - November 5, 2008 | 10:01 PM IST

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