ग्वार में तेजी की उम्मीद
पिछले हफ्ते केरल में मानसून के आने की खबर के बीच ग्वार की कीमत में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है। जबकि पिछले हफ्ते तो ठीक अगले महीने के वायदा सौदे के लिए ग्वार की कीमत में कमी का रुख था।
कमोडिटी विश्लेषकों के अनुसार, इसकी कीमत बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगी कि इस बार मानसून कैसा रहेगा। हरियाणा और उत्तरी-पश्चिमी राजस्थान में तो अगले कुछ दिनों में इसकी बुआई शुरू होने की उम्मीद है। फिलहाल देश में 30 लाख क्विंटल ग्वार का भंडार होने का अनुमान है।
अंदाजा है कि जब इसकी अगली फसल अक्टूबर में आएगी तो यह भंडार लगभग 10 लाख क्विंटल तक रह जाएगा। पिछले साल ग्वार का कुल उत्पादन 85 लाख क्विंटल था। जुलाई के सौदे के लिए इसका वायदा भाव फिलहाल 1,934 रुपये प्रति क्विंटल है और अनुमान जताया जा रहा है कि जल्द ही यह 1,964 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकता है।
एनसीडीईएक्स में शनिवार को जून महीने के लिए इसका वायदा भाव पिछले हफ्ते के 1,878 रुपये से फिसलकर 1,869 रुपये प्रति क्विंटल तक आ पहुंचा था। वैसे कमोडिटी बाजार में कीमत के न्यूनतम स्तर को छू लेने के बाद उसकी खरीदारी फिर से शुरू हो जाती है।
मांग बढ़ने से जीरे में तेजी की संभावना
विदेशों से जीरे की मांग में तेजी आने से इस हफ्ते इसके भाव में तेजी का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि इसका उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक रहा है पर कमोडिटी के जानकारों की मानें तो वैश्विक स्तर पर इसकी पैदावार कम रहने से इसकी कीमत में तेजी का रुख है। अभी जीरे की आवक मांग की तुलना में कम है।
जीरे की मुख्य मंडी ऊंझा में 55 किलोग्राम वाले 9,000 बोरियों की मांग रही पर इसकी आपूर्ति केवल 8,000 बोरियों की ही रही। यही नहीं, देश भर के सभी जीरा भंडारों में इसकी मौजूदगी से अधिक इसकी मांग है।
पिछले हफ्ते जुलाई के वायदा सौदे में कमजोरी के थोड़े संकेत मिल रहे थे पर इस हफ्ते के अंतिम दिनों में इसकी कीमत में तेजी से सुधार हुआ। अगले हफ्ते जुलाई सौदे की वायदा कीमत 11,730 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अंदाजा है। जीरे में तेजी आने के पूरे आसार हैं और यह 11,900 रुपये तक जा सकता है।