महंगाई को लेकर रोजाना हो रहे राजनीतिक प्रदर्शनों के बीच सरकार गेहूं खरीद में एक नई इबारत लिखने जा रही है।
सरकार इस साल रेकॉर्ड गेहूं की खरीद करने जा रही है ताकि घरेलू मांग को पूरा किया जा सके और महंगाई के जिन्न को काबू में किया जा सके। पिछले साल 1.1 करोड़ टन गेहूं खरीद की तुलना में इस साल गेहूं की खरीद इस आंकड़े को पार कर चुकी है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को इस साल रेकॉर्ड 1.8 करोड़ टन गेहूं खरीद की उम्मीद है।फिलहाल सरकारी एजेंसी अभी तक 1.4 करोड़ टन गेहूं खरीद चुकी है यह पिछले साल के इसी अवधि के दौरान हुई खरीद से 60 फीसदी से अधिक है।
इसमें से तकरीबन 50 फीसदी खरीद पंजाब से की गई है जबकि 37 लाख टन गेहूं हरियाणा से खरीदा गया। इसमें से भी चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें मध्य प्रदेश और गुजरात का भी हिस्सा उल्लेखनीय रहा है जो आम तौर पर केंद्रीय स्तर पर कम गेहूं बेचते रहे हैं।
निगम के चेयरमैन आलोक सिन्हा ने बताया कि अभी तक 1.4 करोड़ टन गेहूं खरीदने के बाद हमें उम्मीद है कि जल्द ही 1.8 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इस समय खरीद पूरे जोर पर की जा रही है और अगले हफ्ते तक इसकी रफ्तार इसी गति से कायम रहने की उम्मीद है। इस दौरान 63 लाख गेहूं खरीदे जाने का अनुमान है।