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हड़ताल से फीकी पड़ रही सेब की लाली

Last Updated- December 07, 2022 | 4:41 PM IST

अमरनाथ श्राइन बोर्ड से जुड़े भूमि विवाद को लेकर जम्मू-कश्मीर में लगी आग की आंच से कारोबार पर भी संकट के बादल गहराने लगे हैं।


सिर्फ कश्मीर ही नहीं, दिल्ली के कारोबारियों को भी इस आंच की गरमाहट महसूस होने लगी है। कश्मीर की हड़ताल से दिल्ली में सब्जियां तो कश्मीर में सेब खराब हो रहे हैं। किसान से लेकर उपभोक्ता तक को इस हड़ताल के एवज में अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।

अमरनाथ भूमि की लड़ाई जारी रही तो दिल्ली के कमीशन एजेंट व कश्मीर के किसानों को लाखों रुपये गंवाने पड़ सकते हैं। श्रीनगर के सेब व्यापारी दिल्ली आने के बजाए पाकिस्तान जाकर सेब बेचने की सोच रहे हैं। कश्मीरी सेब उत्पादकों के मुताबिक उन्हें मुजफ्फराबाद जाने में दिल्ली के मुकाबले कम खर्च होगा।

कश्मीर में सब्जियों की आवक ठप

कारोबारियों के मुताबिक दिल्ली की आजादपुर मंडी से जम्मू व आसपास के इलाकों में रोजाना 10-12 ट्रक सब्जियों की आपूर्ति की जाती है। लेकिन पिछले तीन-चार दिनों से यह आपूर्ति बिल्कुल ही ठप हो चुकी है। लगभग इतनी ही मात्रा में पंजाब की मंडियों से भी जम्मू के बाजारों में सब्जियां भेजी जाती है। और वह भी अब नहीं पहुंच पा रही है।

फल व सब्जी के थोक विक्रेता अनिल मल्होत्रा कहते हैं, ‘कमीशन एजेंटों के साथ किसानों को भी नुकसान हो रहा है। उन्हें कश्मीर जाने वाली सब्जी की अच्छी कीमत मिल जाती थी।’ अनुमान के मुताबिक इस आपूर्ति के बाधित होने से दिल्ली व पंजाब के सब्जी विक्रेताओं को रोजाना 20-25 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। एक ट्रक से 9 टन सब्जियां भेजी जाती है।

सेब की लाली मुरझाने लगी

सामान्य स्थिति में इन दिनों कश्मीर से 70-80 ट्रक सेब की आवक दिल्ली की आजादपुर मंडी में होती है। लेकिन सोमवार को इसकी आवक मात्र 57 ट्रक रही। रविवार को यह आवक 20-22 ट्रक थी। कमीशन एजेंटों के मुताबिक हालात नहीं संभले तो यह आपूर्ति मात्र 10-12 ट्रक हो जाएगी। एक ट्रक से 10 टन या 600 पेटी सेब की आवक होती है।

एक पेटी में 15 किलोग्राम सेब होता है। आजादपुर मंडी में कश्मीरी सेब व्यापार संघ के महासचिव आरएस कृपलानी कहते हैं, ‘आपूर्ति को तैयार सेब चार-चार दिनों से पेटियों में बंद पड़े हैं। इससे वे खराबहो रहे हैं। ऐसे में किसानों को सही कीमत नहीं मिल रही है। उधर कम माल आने से उपभोक्ता को भी महंगे सेब खरीदने पड़ रहे हैं।

सेब के दाम में 40 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है।’ सेब विक्रेताओं के मुताबिक दिल्ली में कश्मीरी सेब के लगभग 300 कमीशन एजेंट है और ये सब के सब अपनी हैसियत के हिसाब से 5-20 लाख रुपये तक उत्पादकों को अग्रिम राशि के रूप में देते हैं। कृपलानी कहते हैं, ‘आंदोलन पर काबू नहीं पाया गया तो एजेंटों के पैसे डूब जाएंगे।’

कश्मीर में हड़ताल से दिल्ली में सब्जियां तो कश्मीर में सेब हो रहे खराब
रोजाना हो रहा 20-25 लाख रुपये का नुकसान
70-80 ट्रकों में से पहुंच रहे हैं केवल 20

First Published - August 11, 2008 | 11:39 PM IST

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