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गैर-बासमती पर लगी निर्यात पाबंदी हटाने पर होगा विचार

Last Updated- December 09, 2022 | 9:37 PM IST

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी से राहत देने के मसले पर सरकार फरवरी में विचार करेगी। साथ ही बासमती निर्यातकों को राहत देने की बाबत भी विचार-विमर्श किया जा सकता है।


कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा – जहां तक गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी का सवाल है, हमने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि फरवरी के पहले हफ्ते में इस फसल की स्थिति और स्टॉक के हालात का जायजा लिया जाएगा और इसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा।

पवार ने कहा कि वाणिज्य मंत्री कमलनाथ के साथ हम प्रधानमंत्री से मिलेंगे और बासमती चावल के निर्यात मसले पर विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक मैं समझता हूं, बासमती निर्यातकों को समर्थन देने की जरूरत है।

गौरतलब है कि सरकार ने महंगाई पर काबू पाने केलिए पिछले साल अप्रैल में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी और बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य में 200 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी के साथ-साथ डयूटी भी लगी दी थी।

पिछले अगस्त में 12.91 फीसदी की ऊंचाई पर पहुंचा महंगाई का आंकड़ा जब 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 5.91 फीसदी तक आ गिरा तो देश के निर्यात का आंकड़ा नकारात्मक हो गया। इसके बाद जरूरी हो गया कि इन मसलों पर एक बार फिर विचार-विमर्श हो।

बासमती के निर्यातकों की मांग है कि इसके निर्यात पर लगने वाला 8000 रुपये का शुल्क समाप्त कर दिया जाए और न्यूनतम निर्यात मूल्य में भी कटौती की जाए, जो फिलहाल 1200 डॉलर प्रति टन है।

शुल्क लगने के बाद पाकिस्तान के मुकाबले भारत का निर्यात महंगा हो गया है और यूरोपीय व अन्य देशों के खरीदारा पाक का रुख करने लगे हैं क्योंकि वह 500 डॉलर प्रति टन सस्ता पड़ता है।

First Published - January 13, 2009 | 9:39 PM IST

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