पिछले हफ्ते हुई चाय की नीलामी के दौरान इसकी कीमत में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 6-13 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
कोलकाता, सिलीगुड़ी और गुवाहाटी में हुई नीलामी में चाय की कीमत में क्रमश: छह रुपये प्रति किलो, 10 रुपये प्रति किलो और 13 रुपये प्रति किलो का उछाल दर्ज किया गया।
चाय उद्योग के सूत्रों ने कहा कि कोलकाता में हुई नीलामी के दौरान न्यू सीजन गुड डूअर्स की बिक्री 100-120 रुपये प्रति किलो पर हुई जबकि आसाम ब्रोकन्स की बिक्री 129-151 रुपये प्रति किलो पर बिका।
इंडियन टी असोसिएशन के चेयरमैन आदित्य खेतान ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले मार्च महीने में उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन उत्पादन में कितनी गिरावट हुई, इसका आकलन नहीं किया जा सका है। उन्होंने हालांकि कहा कि बाजार में आया उतारचढ़ाव सामान्य है, लेकिन इसमें मजबूती बनी रहनी चाहिए।
वैसे चाय उद्योग ने चाय की किल्लत की संभावना जताई है और इस वजह से कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। इस बाबत पूछे जाने पर खेतान ने कहा कि पिछले दो-तीन साल से देश में चाय की खपत में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इस मांग को पूरा करने के लिए भारत को करीब 350 लाख किलो अतिरिक्त चाय का उत्पादन करना होगा। पिछले साल 9450 लाख किलो चाय की पैदावार हुई थी।
खेतान ने कहा कि भारतीय चाय उद्योग के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि चाय का उत्पादन 250 लाख किलो से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई हो। उन्होंने कहा कि केन्या के राजनीतिक संकट से निर्यात बढ़ सकता है, लेकिन देसी बाजार में चाय की मांग उसी स्तर पर रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें 200-350 किलो चाय की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि हालांकि ऐसी परिस्थिति निर्यात के लिए सही नहीं है, लेकिन विदेशी खरीदारों की पूछताछ शुरू हो गई है। इस साल निर्यात में 100-200 लाख किलो की बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले साल 1520 लाख किलो चाय का निर्यात हुआ था।