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वायदा कारोबार पर पाबंदी से 8,000 अरब रु. की चपत

Last Updated- December 07, 2022 | 9:05 PM IST

गेहूं, चावल और दाल जैसे आठ जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगने की वजह से भारतीय वायदा बाजारों में 8,000 अरब रुपये मूल्य के कारोबार का नुकसान हुआ।


वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के अध्यक्ष बी. सी. खटुआ ने बताया कि मई की शुरुआत में चार जिसों चना, सोया तेल, आलू और रबर के वायदा कारोबार पर पाबंदी लगने से प्रतिदिन औसतन 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इसके अलावा चार अन्य जिंसों चावल, गेहूं, उड़द और अरहर के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध से प्रतिदिन करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इन जिंसों के वायदा कारोबार पर पिछले साल प्रतिबंध लगाया गया था।

खटुआ ने कहा कि अनुमानित नुकसान के आंकड़े प्रतिबंध लगने से पहले उक्त जिंसों के औसत दैनिक कारोबार पर आधारित हैं। गौरतलब है कि सरकार ने मई में चना, सोया तेल, आलू और रबर के वायदा कारोबार पर चार महीने के लिए प्रतिबंध लगाया था, जिसकी अवधि बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दी गई।

उन्होंने कहा कि चार जिंसों पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाने से एक्सचेंजों का कारोबार प्रभावित होगा। इससे पहले वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष बी. सी. खटुआ ने कहा था कि पाबंदी की अवधि बढ़ाने के बाद खास तौर से कृषि जिंसों के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ने की संभावना है।

गौरतलब है कि 2007-08 में देश भर के 22 कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार में पिछले साल के मुकाबले 10.58 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह वर्तमान वित्त वर्ष में कमोडिटी एक्सचेंजों का कारोबार पिछले साल के मुकाबले 14 अगस्त तक 42 फीसदी उछला है।

First Published - September 15, 2008 | 11:18 PM IST

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