घरेलू शेयर बाजारों में तेजी के रुख और विदेशी कोषों के ताजा निवेश के समर्थन से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपये में लगातार सातवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और यह 37 पैसे चढ़कर 85.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस तेजी की वजह से वर्ष 2025 में रुपये का नुकसान समाप्त हो गया है।
कारोबारियों ने कहा कि इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट तथा डॉलर में जारी कमजोरी से भी मजबूती की धारणा को बल मिला। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, नकदी की कमी से लेकर जवाबी शुल्क लगाने तक के जोखिम रुपये के लिए चुनौतियां हैं। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.93 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 85.49 प्रति डॉलर के ऊंचे और 86.01 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में रुपया 85.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 37 पैसे की तेजी है। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 38 पैसे की तेजी के साथ 85.98 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। रुपये में डॉलर के मुकाबले लगातार सातवें कारोबारी सत्र में बढ़त दर्ज की गई। रुपये ने वर्ष 2025 के लिए अपने सभी नुकसान की भरपाई कर ली है। 31 दिसंबर, 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया 85.64 प्रति डॉलर पर
बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘विदेशी बैंकों और निर्यातकों द्वारा वित्त वर्ष के अंत में समायोजन से पहले डॉलर बेचने से भारतीय रुपये ने सालाना नुकसान की भरपाई की, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के डॉलर-रुपया ‘स्वैप’ के बीच सरकारी बैंक खरीदारी से दूर रहे।’