गुजरात से होने वाले मूंगफली निर्यात में और इजाफा हो सकता है। जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय (जेएयू) ने मूंगफली की नई किस्म को विकसित किया है।
इसको खास तौर से निर्यात के लिए विकसित किया गया है। जूनागढ़ विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि अगले साल तक इसके बाजार में आ जाएगा।वैसे विश्वविद्यालय का कृषि अनुसंधान विभाग ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। हालांकि अभी इस किस्म को कृषि अनुसंधान परिषद की मंजूरी मिलनी बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि परिषद मई के शुरुआती हफ्ते में इस किस्म को मंजूरी दे देगी।
जब एक बार इस किस्म को परिषद की मंजूरी मिल जाएगी, उसके बाद इसके बाजार में आने का रास्ता साफ हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि इसके अगले साल तक ही जारी किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे किसान अच्छी क्वालिटी की मोटी मूंगफली उगा सकेंगे, और इसको खासतौर से निर्यात के लिए ही विकसित किया गया है। गौरतलब है कि सौराष्ट्र की मूंगफली अपने आकार और स्वाद के लिए दुनियाभर में पहचानी जाती है।