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अनाज उत्पादन में थोड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद

Last Updated- December 05, 2022 | 9:23 PM IST

पूरी दुनिया में गेहूं का उत्पादन नए रेकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है और 2008-09 के दौरान दुनिया में अनाज के उत्पादन में थोड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है।


बावजूद इसके अनाज की कीमतों में कमी के आसार नहीं हैं क्योंकि बढ़ती खपत के चलते अनाजों का स्टॉक गिर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य व कृषि संस्थान (एफएओ) के अनुमान के मुताबिक 2008 के दौरान पूरी दुनिया में अनाज का उत्पादन में 2.6 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है।


एफएओ के मुताबिक अगर इस मौसम को सकारात्मक संकेत मानें तो अनाज का कुल उत्पादन 21640 लाख टन के स्तर पर पहुंच सकता है।इस साल गेहूं का उत्पादन 6470 लाख टन के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है और इस तरह 2007 के मुकाबले इसमें 6.8 फीसदी का उछाल दर्ज किया जाएगा।


यूरोपीय आयोग में गेहूं की अनुमानित पैदावार 1370 लाख टन की होगी जो 2007 के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा होगी। एफएओ के मुताबिक दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में मोटे अनाज की पैदावार में इस साल पिछले साल के रेकॉर्ड स्तर से 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी होगी और यह 10750 लाख टन के स्तर पर रहेगा।


एफएओ के सूत्रों के मुताबिक, 2007 में पूरी दुनिया में 21080 लाख टन अनाज का उत्पादन हुआ जो 2006 के मुकाबले 4.7 फीसदी ज्यादा है। दुनिया में गेहूं का उत्पादन 1.6 फीसदी बढ़ा और यह 6060 लाख टन के स्तर पर है।


हालांकि मोटे अनाज का उत्पादन में ज्यादा बढ़ोतरी हुई और यह 10680 लाख टन के स्तर पर रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 8.3 फीसदी ज्यादा है। 2007 के लिए चावल उत्पादन के अनंतिम अनुमान के मुताबिक, यह 4340 लाख टन से स्तर पर रहा जो 2006 के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा है।


2008 में सीजन की समाप्ति के समय दुनिया भर में अनाज के स्टॉक में 5 फीसदी की गिरावट अनुमानित है और यह 4050 लाख टन केस्तर पर है। इस तरह इसमें 210 लाख टन की गिरावट दर्ज की गई है। बताया जाता है कि यह गिरावट पिछले 25 साल में अधिकतम है।


स्टॉक की कमी के इस दौर में गेहूं के स्टॉक में 9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 1440 लाख टन के स्तर पर है। महत्वपूर्ण ये है कि स्टॉक में गिरावट मुख्य निर्यातक देशों में दर्ज की गई है। अगर कुल मिलाकर गेहूं का मामला देखा जाए तो इसके स्टॉक में 100 लाख टन की गिरावट आई है।


एफएओ का कहना है कि खास तौर पर मुख्य निर्यातक देशों में बढ़ती मांग के चलते स्टॉक में गिरावट आई है। संस्था का कहना है कि 2007 में प्रति एकड़ कम पैदावार के चलते स्टॉक में गिरावट आई है। अमेरिका में 2007 में जहां गेहूं की पैदावार में उछाल दर्ज किया गया था, वहां भी स्टॉक में 80 लाख टन की गिरावट आई है।


यूरोपीय संगठन में स्टॉक में 95 लाख टन की गिरावट दर्ज की गई है। 2008 के सीजन में पूरी दुनिया में मोटे अनाज का स्टॉक 1570 लाख टन के स्तर पर रहेगा। चूंकि मांग बढ़ रही है, इसलिए स्टॉक में गिरावट आई है।

First Published - April 14, 2008 | 1:49 AM IST

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